Sambhal Mandir: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल जिले में स्थित एक शिव-हनुमान मंदिर के कपाट दशकों बाद खोले गए हैं। इस मंदिर में लंबे समय से पूजा-अर्चना नहीं हो रही थी, और इसे संप्रदायिक कारणों से बंद कर दिया गया था। प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान इस मंदिर के बारे में पता चला, जिसके बाद मंदिर के कपाट खोले गए। मंदिर के कपाट खोलते ही वहां “ओम नम: शिवाय” और “जय श्रीराम” के नारे गूंजने लगे।
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1978 के विवाद के बाद से बंद था मंदिर

बताते चले कि, यह मंदिर साल 1978 के एक विवाद के बाद बंद कर दिया गया था, जब एक पुजारी ने दहशत के कारण मंदिर और आसपास के मोहल्ले को छोड़ दिया था। इस पुजारी के अनुसार, तब से किसी की हिम्मत नहीं हुई थी, जो इस मंदिर में पूजा-पाठ और आरती कर सके। मंदिर के बंद होने के बाद पुजारी ने अपना मकान भी बेच दिया और ताला लगाकर मंदिर छोड़ दिया। मंदिर के पास एक कुआं हुआ करता था, लेकिन जब मंदिर बंद हुआ, तो दूसरे समुदाय के एक शख्स ने उस कुएं को पाटकर बंद कर दिया। हिंदू आबादी की कमी और स्थानीय लोगों का मोहल्ला छोड़ना भी मंदिर के बंद होने का कारण बना।
बिजली चोरी के दौरान मंदिर की खोज

हाल ही में, जब प्रशासन और पुलिस की टीम बिजली चोरी पकड़ने के लिए कार्रवाई कर रही थी, तब उनका ध्यान इस बंद मंदिर पर गया। बिजली विभाग की टीम ने मोहल्ले में अवैध बिजली कनेक्शन पकड़े, और इसके बाद मंदिर के पुजारी को बुलाकर मंदिर की जांच की गई। इसके बाद मंदिर के कपाट खोले गए, और पुलिस ने मंदिर के अंदर की सफाई की। जांच के दौरान वहां भगवान शिव का शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्ति भी पाई गई।
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बिजली चोरी का बड़ा मामला
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने बताया कि शनिवार सुबह जब संभल (Sambhal) में लाउडस्पीकरों की जांच की जा रही थी, तभी बिजली विभाग की टीम ने मोहल्ले में बिजली के अवैध कनेक्शनों का पता लगाया। जांच में यह सामने आया कि 100 से ज्यादा अवैध कनेक्शन थे, जिनसे पूरे मोहल्ले को बिजली दी जा रही थी। इन कनेक्शनों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। बिजली विभाग ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई की और चार मस्जिदों पर भी अवैध कनेक्शन पाए गए। इन कनेक्शनों के जरिए अवैध रूप से बिजली की आपूर्ति की जा रही थी। डीएम और एसपी ने बिजली विभाग की टीम के साथ मिलकर छतों और बिजली के खंभों पर कटिया कनेक्शन की जांच करवाई।
प्रशासन की कार्रवाई और आगे की योजना
जांच के दौरान कई जगहों पर अवैध कटिया कनेक्शन पकड़े गए, जिससे बड़े पैमाने पर बिजली चोरी हो रही थी। बिजली कर्मियों ने छतों पर चढ़कर टॉर्च की मदद से इन कनेक्शनों का पता लगाया और उन्हें हटा दिया। प्रशासन ने इस अवैध गतिविधि को गंभीरता से लिया और आगे की कार्रवाई का आश्वासन दिया। डीएम ने कहा कि इस प्रकार की बिजली चोरी न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पर भी अतिरिक्त दबाव डाल रही है। इस कार्रवाई ने साफ किया कि प्रशासन किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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