Telangana Tunnel Rescue: तेलंगाना के श्रीसैलम लेफ्ट बैंक नहर (SLBC) सुरंग हादसे में फंसे हुए आठ श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे बचाव अभियान में एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। राज्य के आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने जानकारी दी कि चार श्रमिकों के ठिकाने का पता चल चुका है, हालांकि उनके बचने की संभावना बेहद कम है। मंत्री ने यह भी बताया कि उनके बचने की संभावना मात्र 1% है।
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बचाव कार्य में रडार का उपयोग

कृष्ण राव ने सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी और बचाव अधिकारियों के साथ बैठक के बाद बताया कि पिछले कुछ दिनों में बचाव अभियान में खास प्रगति हुई है। उन्होंने बताया, “रडार के माध्यम से चार श्रमिकों का स्थान पता चल पाया है और उम्मीद जताई जा रही है कि रविवार शाम तक उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा।” हालांकि, अन्य चार श्रमिक सुरंग के नीचे टनेल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के नीचे फंसे हुए हैं।
सुरंग में फंसे श्रमिकों की स्थिति

मंत्री ने कहा कि इन चार श्रमिकों की स्थिति गंभीर है और पहले ही यह कहा गया था कि उनके बचने की संभावना बहुत कम है। बचाव कार्य में शामिल टीम ने 450 फीट लंबी बोरिंग मशीन को काटने का कार्य शुरू किया है। इस अभियान में 11 विभिन्न एजेंसियों के कर्मचारी शामिल हैं, जो दिन-रात इस ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
बचाव अभियान में चुनौतियां

पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने कहा कि बचाव कार्य तीव्र गति से चल रहा है और सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाने हेतु टनेल बोरिंग मशीन (टीबीएम) को काटा जा रहा है। इसके साथ ही, पानी निकालने और मलबा हटाने की प्रक्रिया भी निरंतर चल रही है। गायकवाड़ ने कहा कि जो भी बाधाएं आ रही हैं, उन्हें हटाना होगा ताकि जल्दी से जल्दी श्रमिकों तक पहुंचा जा सके।
फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों में चिंता
फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्य अपने प्रियजनों की सलामती की उम्मीद में हैं, लेकिन उन्हें बचाव कार्य की स्थिति को लेकर कोई सटीक जानकारी नहीं मिल रही है। एक रिश्तेदार ने बताया कि वह सुरंग में प्रवेश करने के लिए अधिकारियों से अनुमति चाहता था, लेकिन उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया। इसके अलावा, गुरप्रीत सिंह के रिश्तेदारों ने भी बताया कि उन्हें बचाव दल से कोई अपडेट नहीं मिला है।
सुरंग में फंसे श्रमिकों की पहचान

22 फरवरी को हुए इस हादसे के बाद आठ श्रमिक सुरंग में फंसे हुए थे। फंसे हुए श्रमिकों की पहचान मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), श्रीनिवास (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू और कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) के तौर पर की गई है। इसके अलावा, झारखंड के संदीप साहू, जिगता एक्सेस संतोष साहू और अनुज साहू भी फंसे हुए हैं। इन आठ श्रमिकों में दो इंजीनियर और छह अन्य श्रमिक हैं, जो जयप्रकाश एसोसिएट्स द्वारा नियुक्त थे, जो एसएलबीसी टनल परियोजना की ठेकेदार फर्म है।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी है और बचाव कार्यों में तेजी लाने की कोशिशें जारी हैं ताकि फंसे हुए श्रमिकों को जल्दी से जल्दी बचाया जा सके।