Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) हादसे में फंसे आठ मजदूरों को बचाने के लिए चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन आज पांचवें दिन में प्रवेश कर चुका है। फिलहाल, मजदूरों से किसी भी तरह का संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है। हालांकि, हालिया खबरों के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम मजदूरों के बेहद करीब पहुंच चुकी है। टीम उस स्थान तक पहुंच चुकी है, जहां टनल की छत का एक हिस्सा ढह गया था।
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22 फरवरी को हुआ हादसा

बताते चले कि, 22 फरवरी को नागरकुर्नूल जिले में हुई यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया था। इसके बाद से अब तक NDRF, SDRF और भारतीय सेना की टीमें दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। विशेषज्ञों और अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने वाली टीम भी इस ऑपरेशन में सहायता कर रही है।
टनल में बढ़ता पानी और ढहते मलबे से रेस्क्यू में आ रही बाधाएं

टनल में लगातार पानी का रिसाव और ढहता मलबा सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन चुका है। हर मिनट 3200 लीटर पानी टनल में भर रहा है, जिससे कीचड़ और मलबे का प्रवाह और बढ़ रहा है। इसके अलावा, टनल की अस्थिर स्थिति ने बचाव कार्य को और भी मुश्किल बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादा खुदाई से बचावकर्मियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
अधिकारियों ने वर्टिकल ड्रिलिंग के प्रस्ताव को किया खारिज

आपको बता दे कि, रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी समस्या यह है कि टनल में प्रवेश और निकासी का एक ही रास्ता है। टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग करने का प्रस्ताव अधिकारियों ने खारिज कर दिया है, क्योंकि यह ऑपरेशन और भी जटिल हो सकता है और बचावकर्मियों की सुरक्षा पर प्रभाव डाल सकता है।
मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बचाव कार्य को सबसे कठिन बताया

तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने इस हादसे को सबसे कठिन सुरंग बचाव अभियान बताया। उन्होंने बताया कि पानी और ढहते मलबे के भारी प्रवाह के कारण बचावकर्मियों की जान भी खतरे में पड़ सकती है। पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “यह बहुत ही जटिल मामला है, और विशेषज्ञों का कहना है कि बचावकर्मियों की जान भी खतरे में पड़ सकती है। इसलिए हम सबसे बेहतरीन विशेषज्ञों की राय लेकर ही कोई कदम उठा रहे हैं।”
बचावकर्मी पूरी मेहनत और समर्पण के साथ लगे हुए

इस ऑपरेशन के पांचवें दिन के बावजूद, सभी बचावकर्मी पूरी मेहनत और समर्पण के साथ लगे हुए हैं। तेलंगाना सरकार और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी कोशिश कर रही हैं कि जल्द से जल्द मजदूरों तक पहुंचा जाए और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में इस ऑपरेशन को सफलता मिल सकती है।
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