Tej Pratap Yadav News: राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वह होली के दौरान अपने विवादित बयान और हरकत को लेकर चर्चा में हैं। पटना में होली के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान तेजप्रताप यादव ने माइक पर वर्दीधारी अंगरक्षक से चुटकी लेते हुए उसे होली के गाने पर डांस करने के लिए कहा। जब जवान ने माफी मांगी और डांस करने से इनकार किया, तो तेजप्रताप ने उसे धमकी दी कि अगर वह डांस नहीं करेगा, तो उसे सस्पेंड कर दिया जाएगा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद यह मुद्दा बन गया।
तेजप्रताप यादव का पलटवार

बताते चले कि वीडियो वायरल होने के बाद तेजप्रताप यादव को सत्ता पक्ष के कई नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, तेजप्रताप ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका इरादा किसी को अपमानित करने का नहीं था। उन्होंने इसे केवल होली के जश्न का हिस्सा बताया और कहा कि इसे नफरत का रंग दे दिया गया है। तेजप्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “बुरा न मानो होली है… इस पर्व को भी बीजेपी, आरएसएस और इनकी गोदी मीडिया ने नफरत के रंग से रंग दिया है।”
मीडिया और राजनीतिक नेताओं की आलोचना पर प्रतिक्रिया
तेजप्रताप यादव ने बीजेपी, आरएसएस और मीडिया के एक धड़े पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे हर मौके पर राजनीतिक सियासत करते हैं, चाहे वह होली का पर्व हो या कोई और। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने सद्भावना और भाईचारे के इस पर्व को विवादों में उलझा दिया है। तेजप्रताप ने आगे कहा, “देश की जनता जल्द ही इनको सबक सिखाएगी।”
वीडियो में क्या था?
बताते चले कि पटना में आयोजित होली कार्यक्रम के दौरान, तेजप्रताप यादव ने वर्दीधारी जवान से माइक पर कहकर डांस करने का आग्रह किया। इसके बाद जवान ने तेजप्रताप के कहे अनुसार डांस किया और हंसी-खुशी माहौल बना। लेकिन इस वीडियो के वायरल होने के बाद इसे लेकर राजनीति तेज हो गई। बीजेपी और आरएसएस के नेताओं ने इस पर सवाल उठाए, जबकि कुछ लोगों ने इसे चुटकुले के रूप में लिया।
आखिरकार, क्या है विवाद का कारण?

तेजप्रताप यादव के इस कदम को लेकर विवाद का कारण उनकी मस्ती में की गई टिप्पणी और धमकी थी, जो कुछ लोगों को गलत लगी। तेजप्रताप ने इसे केवल होली के पर्व के मजे के तौर पर लिया था, जबकि कुछ विरोधियों ने इसे सत्ताधारी पार्टी की ओर से नफरत फैलाने के रूप में देखा। यह विवाद तब और बढ़ा, जब तेजप्रताप ने राजनीति के नेताओं और मीडिया के एक हिस्से को निशाने पर लिया।
किसी ने मजाक समझा, किसी ने गंभीर लिया

इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी गई कि इसमें कोई गलत इरादा नहीं था, यह बस एक होली के मौके पर की गई मस्ती थी। हालांकि, राजनीति और मीडिया की नजरों में इसे भिन्न रूप में देखा गया। तेजप्रताप यादव के बयान और इस वीडियो के वायरल होने के बाद यह मामला सियासत की गहमा-गहमी में उलझ कर रह गया है।
अगली सुनवाई और सवालों के घेरे में तेजप्रताप
अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या होता है और तेजप्रताप यादव इस विवाद से कैसे उबरते हैं। क्या यह विवाद सियासत में और गहरा होता है या मामला शांत हो जाएगा, यह आने वाले समय में ही पता चलेगा।
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