UP News: शिक्षकों का डिजिटल उपस्थिति के आदेश के खिलाफ विरोध कर रहे। वहीं शिक्षकों का कहना है कि मौसम में और गांव के कठिन रास्तों के कारण स्कूल पहुंचने में कठिनाई हो सकती है। ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली से संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि तकनीकी समस्याएं, इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी, और तकनीकी ज्ञान की कमी। वहीं शिक्षकों के विरोध का एक बड़ा हिस्सा इस बात पर है कि इन समस्याओं का समाधान बिना सोचे-समझे आदेश जारी कर देना उचित नहीं है।
शिक्षक संघ द्वारा भी इस मुद्दे पर समर्थन मिलने से यह स्पष्ट है कि इस आदेश को लागू करने में पुनर्विचार की आवश्यकता है। इस बीच परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों की डिजिटल उपस्थिति आठ जुलाई से लगनी है। इससे पहले ही शिक्षकों ने विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। शिक्षकों ने एक्स पर बायकॉट ऑनलाइन उपस्थिति ट्रेंड करा दिया है। एक्स पर बायकॉट ऑनलाइन दूसरे नंबर पर चल रहा है।
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अब तक हुए दो लाख से ज्यादा ट्वीट
अब तक दो लाख नौ हजार ट्वीट हो चुके हैं। शिक्षकों का कहना है कि गांव के कई स्कूलों में जाने के लिए रास्ते तक नहीं है। इसके साथ ही कई स्कूलों तक जाने के लिए साधन तक नहीं है। शिक्षक वैसे तो टाईम पर स्कूल पहुंच जाते हैं, लेकिन कभी क्रॉसिंग बंद, जाम, रूट डायवर्सन, कावड़ियों की भीड़,बारिश,आंधी इन सब वजहों से जब हम कभी लेट होते हैं तो इसमें हमारा क्या दोष है? यह लिखकर ट्रेंड करा रहे हैं।
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“आठ जुलाई से ही डिजिटल उपस्थिति पंजिका में दर्ज करेंगे”
पहले इसके लिए 15 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई थी। शिक्षक संघ ने इस आदेश पर अपना विरोध दर्ज कराया है। डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में कहा गया है कि-‘ बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं केजीबी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश के बाद 25 जून से छात्र उपस्थिति पंजिका एवं एमडीएम पंजिकाएं डिजिटल रूप में तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए थे।
यह भी कहा गया था कि अन्य सभी पंजिकाएं 15 जुलाई से डिजिटल रूप में अपडेट की जाएंगी। डीजी स्कूल शिक्षा ने कहा है कि परिषदीय स्कूलों में कार्यरत सभी अध्यापक व कर्मचारी अब प्रतिदिन अपनी उपस्थिति, स्कूल में आगमन व प्रस्थान का समय अब आठ जुलाई से ही डिजिटल उपस्थिति पंजिका में दर्ज करेंगे। जनपद में करीब तीन हजार शिक्षक कार्यरत हैं।