टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट 2025 (Tata Steel Chess Tournament)के आयोजन में इस बार भारतीय शतरंज खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। विशेष रूप से, भारतीय ग्रैंडमास्टर गुकेश जी ने अपने शानदार खेल से सभी का ध्यान आकर्षित किया। उनके द्वारा अब्दुसात्तोरोव के खिलाफ खेले गए मैच ने न केवल उनका कौशल दिखाया, बल्कि भारतीय शतरंज का मान भी बढ़ाया। इस टूर्नामेंट में प्रज्ञानंद भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और वर्तमान में वे अंक तालिका में शीर्ष पर हैं।
गुकेश का दिखा शानदार प्रदर्शन

भारत के 17 वर्षीय ग्रैंडमास्टर गुकेश जी, जो अब तक शतरंज की दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं, ने इस टूर्नामेंट में एक बड़ी चुनौती का सामना किया। उन्होंने उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर अब्दुसात्तोरोव को बराबरी पर रोका। यह मैच बेहद रोमांचक था, जहां गुकेश ने अपनी रणनीतिक समझ और कुशल चालों से अब्दुसात्तोरोव को मात देने की पूरी कोशिश की, लेकिन अंत में यह मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
गुकेश ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार अपनी रेटिंग और खेल की गुणवत्ता को बढ़ाया है। उनका खेल किसी अनुभवी खिलाड़ी से कम नहीं था, और यही कारण था कि इस मैच में उनका प्रदर्शन अत्यधिक सराहा गया। गुकेश का इस मैच में अपने प्रतिद्वंद्वी के साथ बराबरी पर खेलना, उनकी शतरंज में उत्कृष्टता को दर्शाता है।गुकेश का शतरंज खेल में गहरी सोच और योजना बनाने की क्षमता उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है। इस मैच में भी उन्होंने अब्दुसात्तोरोव की हर चाल का मुकाबला किया और अपनी जगह मजबूत बनाए रखी। उनके इस संयम और रणनीतिक बुद्धिमत्ता ने उन्हें दुनिया भर में एक मान्यता दिलाई है।
अब्दुसात्तोरोव का खेल
अब्दुसात्तोरोव, जो उज्बेकिस्तान के एक प्रमुख शतरंज खिलाड़ी हैं, के लिए यह मैच चुनौतीपूर्ण था। वे जानते थे कि गुकेश एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, और उनका मुकाबला करना आसान नहीं था। हालांकि, अब्दुसात्तोरोव ने इस मैच में भी अपनी रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया, लेकिन गुकेश की तगड़ी तैयारी और खेल की गुणवत्ता ने इस खेल को ड्रॉ में बदल दिया।अब्दुसात्तोरोव का खेल भी उच्च स्तर का था, लेकिन उनके खिलाफ गुकेश का धैर्य और उनकी सावधानीपूर्ण योजनाएं ही निर्णायक साबित हुईं। इस मुकाबले में गुकेश ने अपने युवा उत्साह के बावजूद काफी परिपक्वता से खेला, जो उनके लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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युवा ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंद
इसी टूर्नामेंट में भारत के दूसरे युवा ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंद भी शीर्ष पर बने हुए हैं। प्रज्ञानंद ने टूर्नामेंट में अपनी अपराजेय शतरंज शैली से सभी को चौंका दिया है। उनकी चतुर चालों और खेल के प्रति उनकी समझ ने उन्हें वर्तमान अंक तालिका में शीर्ष पर रखा है।प्रज्ञानंद ने प्रतियोगिता के शुरुआती दौर में ही मजबूत प्रदर्शन किया और अपनी स्थिति को और मजबूत करते हुए सबसे ऊपर का स्थान हासिल किया।
उनके पास न केवल आक्रामक खेलने की क्षमता है, बल्कि वे प्रतिद्वंद्वी की हर चाल को अच्छे से पढ़ने में भी सक्षम हैं। यह उनका मानसिक सामर्थ्य ही है जो उन्हें शतरंज की दुनिया में सबसे ऊपर रखता है।प्रज्ञानंद के खेल में एक अनोखी बात यह है कि वह हर मैच में अपनी रणनीतियों को अलग-अलग रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिससे उनके प्रतिद्वंद्वियों के लिए उनके खिलाफ खेलना मुश्किल हो जाता है। उनका हर कदम सोचा-समझा होता है, और यही बात उन्हें इस टूर्नामेंट में शीर्ष पर बनाए रखे हुए है।

भारतीय शतरंज का उभरता हुआ सितारा
गुकेश और प्रज्ञानंद दोनों ही भारतीय शतरंज के उभरते सितारे हैं, और उनके इस प्रकार के अद्वितीय प्रदर्शन ने भारत को शतरंज की दुनिया में एक नई पहचान दिलाई है। जहां एक ओर गुकेश अपनी धैर्यपूर्ण शैली से बड़े-बड़े खिलाड़ियों को चुनौती दे रहे हैं, वहीं प्रज्ञानंद अपने आक्रमक और चतुर खेलने के तरीके से शतरंज के मंच पर धमाल मचा रहे हैं।भारत की शतरंज परंपरा काफी समृद्ध रही है, और अब यह एक नया मोड़ ले रही है। इन युवा खिलाड़ियों की सफलता ने भारतीय शतरंज को एक नई दिशा दी है। विशेष रूप से, भारत ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और यह निरंतरता अब भी जारी है।