Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की प्रमुख फाइनेंस कंपनी, टाटा कैपिटल, शेयर बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रही है। कंपनी ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के लिए करीब 15,000 करोड़ रुपये के दस्तावेज भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को सौंप दिए हैं। इस IPO में कंपनी 2.3 करोड़ नए शेयर जारी करेगी, साथ ही मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचने का भी प्रस्ताव रखेंगे। टाटा कैपिटल की पैरेंट कंपनी, टाटा संस, जो कंपनी में 93% की हिस्सेदारी रखती है, इस ऑफर के दौरान अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का विचार कर रही है।
बोर्ड से मिली मंजूरी
टाटा कैपिटल एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने “अपर लेयर NBFC” की श्रेणी में रखा है। इसका मतलब है कि यह कंपनी आकार और प्रभाव के दृष्टिकोण से बड़ी NBFCs में शामिल की जाती है। टाटा कैपिटल को इस IPO को लाने के लिए अपने बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है। इससे पहले, टाटा ग्रुप की एक और कंपनी, टाटा टेक्नोलॉजीज, नवंबर 2023 में शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी, और टाटा कैपिटल का यह IPO भी उसी प्रकार एक महत्वपूर्ण लिस्टिंग साबित हो सकता है।
RBI के नियमों के तहत लिस्टिंग की आवश्यकता
भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों के मुताबिक, टाटा कैपिटल और टाटा संस को सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में लिस्ट होना जरूरी है। यह कदम RBI की तरफ से अपर लेयर NBFCs के लिए निर्धारित किया गया है, जो बड़े वित्तीय संस्थान होते हैं। इस नियम के चलते टाटा कैपिटल का आईपीओ उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका सफल होना न केवल टाटा ग्रुप के लिए, बल्कि पूरे भारतीय फाइनेंस सेक्टर के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
टाटा कैपिटल का वित्तीय प्रदर्शन
FY24 में, टाटा कैपिटल ने 18,178 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया था, जो पिछले साल की तुलना में 34% अधिक था। कंपनी का लोन बुक 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच चुका है, जो एक उल्लेखनीय 40% की वृद्धि दर्शाता है। इस साल कंपनी का मुनाफा 3,150 करोड़ रुपये रहा, जो अब तक का सबसे बड़ा मुनाफा है। कंपनी के पहले छह महीनों के आंकड़े भी शानदार रहे, जिसमें मुनाफा 21% बढ़कर 1,825 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि कंपनी के व्यापार में लगातार वृद्धि हो रही है।
टाटा कैपिटल: फाइनेंस सेक्टर की एक मजबूत ताकत
टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की एक महत्वपूर्ण फाइनेंस कंपनी है और टाटा संस की सहायक कंपनी के तौर पर काम करती है। यह कंपनी विभिन्न प्रकार की फाइनेंशियल सेवाएं प्रदान करती है, जिनमें कमर्शियल फाइनेंस, कंज्यूमर लोन, वेल्थ मैनेजमेंट और टाटा कार्ड्स की मार्केटिंग शामिल हैं। टाटा कैपिटल और उसकी सहायक कंपनियां भारतीय फाइनेंस सेक्टर में विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करती हैं, जो बाजार में उनकी मजबूत स्थिति को साबित करती हैं।
टाटा कैपिटल का आईपीओ भारतीय वित्तीय बाजार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। कंपनी के सकारात्मक वित्तीय परिणाम, टाटा ग्रुप की ताकत और RBI के नियामक दिशा-निर्देशों के अनुसार यह IPO फाइनेंस सेक्टर में एक नया परिवर्तन ला सकता है।
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