टाटा, अंबानी, अडानी… आखिर कौन सी दौड़ में होने जा रहे शामिल,इससे किसको किसको होगा फायदा

Shilpi Jaiswal
By Shilpi Jaiswal

Delhi : टाटा, रिलायंस और अडानी समेत अगले 10 सालों में दिग्‍गज भारतीय कंपनियां लगभग 800 अरब डॉलर का निवेश करने वाली हैं। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसके अनुसार, यह पिछले 10 सालों में किए गए निवेश से लगभग तीन गुना ज्‍यादा है। यह दर्शाता है कि भारतीय कंपनियां अब तेजी से ग्रोथ और डायवर्सिफिकेशन की ओर बढ़ रही हैं। 800 अरब डॉलर में करीब आधा मुकेश अंबानी की र‍िलायंस, गौतम अडानी के नेतृत्‍व वाला अडानी ग्रुप और टाटा समूह जैसे बड़े समूह करने वाले हैं।

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रिपोर्ट के मुताबिक किस क्षेत्रों में होगा निवेश

इस निवेश का लगभग 40% हिस्सा नए क्षेत्रों में लगाया जाएगा। इनमें ग्रीन हाइड्रोजन, क्‍लीन एनर्जी, विमानन, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और डेटा सेंटर जैसे सेक्‍टर शामिल हैं। वेदांता, टाटा, अडानी, रिलायंस और JSW जैसी दिग्गज कंपनियां इन क्षेत्रों में अगले 10 सालों में लगभग 350 अरब डॉलर का निवेश करेंगी।

कौन कितना और कैसे करेगा न‍िवेश?

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के क्रेडिट विश्लेषक नील गोपालकृष्णन ने कहा, ‘भारतीय कंपनियां अपने खर्च का लगभग 40% नए व्यवसायों में लगाएंगी। इनमें ग्रीन हाइड्रोजन, स्वच्छ ऊर्जा, विमानन, सेमीकंडक्टर, EV और डेटा सेंटर शामिल हैं। वेदांता, टाटा, अडानी, रिलायंस और JSW समूह अकेले ही अगले दस वर्षों में इन क्षेत्रों में 350 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहे हैं।’ जहां र‍िलायंस की कमान मुकेश अंबानी के हाथों में है। वहीं, अडानी ग्रुप का नेतृत्‍व गौतम अडानी करते हैं।

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भारत सरकार को 12.4 ट्रिलियन डॉलर की ज़रूरत

यह निवेश भारत सरकार के उस विजन के अनुरूप है, जिसके तहत अर्थव्यवस्था को जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करनी है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक होने के नाते भारत को 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुमानित 12.4 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की जरूरत है।

मौजूदा व्यवसायों को बढ़ाने पर फोकस

जहां कुछ बड़ी भारतीय कंपनियां नए व्यावसायिक क्षेत्रों में कदम रख रही हैं, वहीं दूसरी कंपनियां अपने मौजूदा व्यवसायों को बढ़ाने पर फोकस करेंगी।
बिड़ला, महिंद्रा, हिंदुजा, हीरो, ITC, बजाज और मुरुगप्पा जैसे समूह अपनी पारंपरिक विकास रणनीतियों के लिए जाने जाते हैं। वो प्रॉफिटेबिलिटी और स्‍केल को बढ़ाने के लिए मुख्य रूप से अपने स्थापित व्यावसायिक क्षेत्रों में निवेश करना जारी रखेंगे।

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निवेश 400 अरब डॉलर से 500 अरब डॉलर के बीच हो सकता है

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान है कि अगर ये कंपनियां पिछले दो वर्षों से अपनी मौजूदा निवेश रफ्तार को बनाए रखती हैं तो अगले दस सालों में इन प्रमुख व्यवसायों में निवेश 400 अरब डॉलर से 500 अरब डॉलर के बीच हो सकता है। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि बड़े पैमाने पर निवेश करने वाली कंपनियों के लिए अपने मुख्य व्यवसायों को मजबूत करना कितना महत्वपूर्ण है। इन विकास योजनाओं को समर्थन देने के लिए कर्ज के स्तर में बढ़ोतरी के साथ कंपनियों को अपनी क्रेडिट प्रोफाइल को बनाए रखने के लिए अपने मौजूदा व्यवसायों को लगातार मजबूत करने की जरूरत होगी।निवेश के इस दौर में कोई भी चूक क्रेडिट मेट्रिक्स को नुकसान पहुंचा सकती है। लिहाजा, कंपनियों के लिए अपनी विकास रणनीतियों को सटीक तरह से लागू करना महत्वपूर्ण है।

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