Tamil Nadu Politics: तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने एक बार फिर से साथ मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की है। शुक्रवार को हुई एक अहम बैठक में अमित शाह और AIADMK नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी के बीच सीट साझा करने और चुनावी रणनीति को लेकर गंभीर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन पर मुहर लग गई।
अमित शाह का गठबंधन पर बयान
अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि यह गठबंधन केवल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि विश्वास और साझा विचारधारा पर आधारित है। उन्होंने याद दिलाया कि 1998 में जयललिता और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भी दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की थी। उन्होंने दावा किया कि एक समय ऐसा भी था जब दोनों दलों ने साथ मिलकर 39 में से 30 लोकसभा सीटें जीती थीं।
AIADMK और बीजेपी का गठबंधन
गठबंधन को लेकर अमित शाह ने आगे कहा, “AIADMK और बीजेपी के नेता मिलकर यह चुनाव लड़ेंगे। यह गठबंधन एनडीए के रूप में तमिलनाडु में चुनाव लड़ेगा। राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और राज्य स्तर पर AIADMK नेता ई. पलानीस्वामी के नेतृत्व में।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि AIADMK की ओर से कोई शर्त या मांग नहीं रखी गई है और बीजेपी, AIADMK के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
सीट बंटवारे और सरकार बनने के बाद मंत्रालयों के बंटवारे पर फैसला बाद में किया जाएगा। अमित शाह ने यह भी आरोप लगाया कि डीएमके सरकार राज्य के असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि डीएमके सनातन धर्म और भाषा नीति जैसे भावनात्मक मुद्दों को उठाकर जनता को गुमराह कर रही है।
तमिलनाडु की जनता
गृह मंत्री ने कहा कि यह गठबंधन तमिलनाडु की जनता के लिए एक मजबूत विकल्प साबित होगा और राज्य को भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्ति दिलाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि एक बार फिर एनडीए को मौका दें ताकि राज्य और केंद्र मिलकर विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकें।