जीवन परिचयः श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम आशुतोष मुखर्जी था। डॉ मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक पास किया तथा 1921 बी.ए की उपाधि प्राप्त की। 1923 में लॉ की उपाधि आर्जित करने के बाद वे विदेश चले गए। और 1926 में इंग्लैण्ड़ के बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। 23 जून 1953 को रहस्यमय तरीके मौत हो गई।
जम्मूकश्मीरः गृहमंत्री अमित शाह जम्मूकश्मीर के दो दिवसीय की यात्रा जायेंगे। इस दौरान वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर कश्मीर के लाल चौक में बलिदान स्तंभ की आधार शिला रखेंगे। जो सुरक्षा बलों के वीरतापूर्ण कार्यो का सम्मान करने के लिए बनाया गया एक प्रतीकात्मक स्तंभ है। यह स्मारक श्रीनगर में लाल चौक के प्रताप पार्क में स्थित होगा।
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आधार शिला के दौरान अमितशाह ने कहा कि जम्मूकश्मीर में पहलें लोंग मार पीट , गोली ,ईंट, पत्थर फेंका करता थे। लोंग एक समुदाय को निशाना बनाया करते थे। मगर जब से देश में बीजेपी सरकार बनी है.. तब से जम्मूकश्मीर विकाश को ओर अग्रसर हो रहा है। अब यहॉ के लोंग मार-पीट छोड़कर अपने बच्चों को पढ़ाने लिखाने के तरफ ध्यान दें रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद जम्मूकश्मीर से धारा 370 हटाकर कश्मीरी पंड़ितों के साथ कियें वादें को पूरा किया।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलिः
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) हास्पिटल सुबह 9 बजे पहुंचकर मुखर्जी जी की लगी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर योगी ने कहा कि मुखर्जी जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक , प्रखर राष्ट्रवादी एवं महान शिक्षाविद् थे। इसके बाद सीएम योगी अस्पताल में भर्ती मरीजों को फल वितरित करेगें और मरीजों के इलाज को लेकर उनका हाल चाल जानेगें।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर शोशल मीड़िया पर दी जा रही श्रद्धांजलिः
मुखर्जी की पुण्यतिथि पर देश के अलग- अलग प्रदेशो से भाजपा नेताओं द्वारा अपने टिवटर एकाउंट पर ट्वीट किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि.. माँ भारती के अमर सपूत, महान राष्ट्रभक्त एवं शिक्षाविद, जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा हेतु उनका बलिदान हम सभी के लिए पाथेय है।
वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा है कि……. श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के लिए देश की अखंडता और एकता से बढ़कर कुछ नहीं था। जम्मू-कश्मीर में एक निशान, एक विधान, एक प्रधान के लिए उन्होंने अपने प्राणों तक की आहुति दे दी। राष्ट्र-कल्याण से लेकर शिक्षा और औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए उनके विचार सदैव प्रेरणा देते रहेंगे। उनके विराट योगदान को देश कभी भुला नहीं पायेगा।