Swiggy Extra Charges: भारत की प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy ने अपने रेस्तरां पार्टनर्स को 2% अतिरिक्त कलेक्शन शुल्क चुकाने का नोटिस भेजा है। यह नया शुल्क 16 फरवरी 2025 से लागू होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह शुल्क रेस्तरां पार्टनर्स के पेमेंट से स्वचालित रूप से काट लिया जाएगा। Swiggy के इस फैसले ने पूरी फूड डिलीवरी इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है और इसके प्रभाव को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं।
Swiggy का निर्णय और रेस्तरां मालिकों पर असर

ईटीनाउ की रिपोर्ट के अनुसार, Swiggy ने 11 फरवरी को लगभग 4,000 रेस्तरां मालिकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें इस नए अतिरिक्त कलेक्शन शुल्क के बारे में जानकारी दी गई। बता दें कि Swiggy पहले ही रेस्तरां से 15% से 22% तक कमीशन लेता है, जिसमें GST भी शामिल है। अब इसके अलावा 2% का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा, जो रेस्तरां मालिकों के लिए एक अतिरिक्त बोझ साबित हो सकता है।
रेस्तरां मालिकों की प्रतिक्रिया
इस फैसले का असर बाजार में साफ देखा जा रहा है। National Restaurant Association of India (NRAI) और Federation of Hotel and Restaurant Associations of India (FHRAI) ने Swiggy से इस मामले में बातचीत की है। NRAI ने बताया कि पहले से ही 90% रेस्तरां पेमेंट गेटवे फीस चुका रहे हैं, और यह नया शुल्क उन्हीं 10% व्यापारियों पर लागू किया गया है जो अभी तक यह शुल्क नहीं दे रहे थे। इसके अलावा, रेस्तरां मालिकों ने इस नए शुल्क पर चिंता जताई है, क्योंकि इसके कारण उनकी लागत बढ़ सकती है और उनका मुनाफा भी घट सकता है।
आम आदमी पर पड़ सकता है असर

इस नए शुल्क का प्रभाव आम आदमी पर भी पड़ सकता है। रेस्तरां अपने घाटे को पूरा करने के लिए खाने की कीमतें बढ़ा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि जो लोग Swiggy से खाना मंगवाते हैं, उन्हें अब अधिक पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। इस कदम से Swiggy का उद्देश्य अपनी आय को बढ़ाना हो सकता है, लेकिन इसके नकारात्मक प्रभावों से ग्राहक और रेस्तरां दोनों ही प्रभावित हो सकते हैं।
Swiggy के घाटे का कारण

Swiggy का यह कदम Q3 FY2025 में हुए भारी नुकसान के बाद उठाया गया हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Swiggy को वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 799.08 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था, जो पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है। हालांकि, कंपनी की आय 3,993.06 करोड़ रुपये तक बढ़ी है और Swiggy का Gross Order Value (GOV) भी 38% बढ़कर 12,165 करोड़ रुपये हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी इस नुकसान को कम करने के लिए यह कदम उठा रही है।
रेस्तरां इंडस्ट्री के लिए एक नई चुनौती
Swiggy के इस फैसले ने रेस्तरां इंडस्ट्री को एक नई चुनौती दे दी है। जहां एक ओर Swiggy इस कदम के जरिए अपने घाटे को कम करने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर रेस्तरां मालिकों और ग्राहकों पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है। रेस्तरां मालिक अपने मुनाफे को बचाने के लिए कीमतें बढ़ा सकते हैं, जो कि ग्राहक के लिए महंगे साबित हो सकते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे जाकर Swiggy इस फैसले को लेकर कितना सफल होता है और इसके उद्योग पर क्या असर पड़ता है।
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