Swiggy Share Price: भारत की प्रमुख फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स कंपनी स्विगी के वैल्यूएशन में भारी गिरावट आई है। कंपनी का वैल्यूएशन अपने उच्चतम स्तर से 50 प्रतिशत कम होकर अब 81,527 करोड़ रुपये (9.82 अरब डॉलर) पर आ गया है। नवंबर 2024 में आईपीओ के बाद स्विगी का वैल्यूएशन 1,32,800 करोड़ रुपये (16 अरब डॉलर) तक पहुंच गया था, लेकिन अब इसमें 51,273 करोड़ रुपये की कमी देखी जा रही है। इस गिरावट के कारण निवेशकों को 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
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स्विगी के शेयरों में भारी गिरावट

स्विगी के शेयर की लिस्टिंग नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 420 रुपये और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 412 रुपये पर हुई थी। लेकिन अब कंपनी के शेयर की कीमत गिरकर 360 रुपये तक पहुंच गई है। 2025 की शुरुआत से अब तक स्विगी के शेयरों में 33 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हो चुकी है। इस गिरावट के कारण निवेशक चिंतित हैं और कंपनी की भविष्यवाणी को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
स्विगी के नतीजे रहे कमजोर
स्विगी के शेयरों में गिरावट के मुख्य कारणों में से एक है कंपनी के वित्तीय नतीजों का कमजोर होना। वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने उम्मीद से कमजोर नतीजे पेश किए। अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में स्विगी ने 799.08 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, जबकि पिछली तिमाही में यह घाटा 625.53 करोड़ रुपये था। इन नतीजों ने निवेशकों के विश्वास को और कमजोर किया, जिसके परिणामस्वरूप स्विगी के शेयरों में गिरावट आई।
लॉक-इन पीरियड खत्म होने का असर

स्विगी के शेयरों में गिरावट का एक और कारण आईपीओ के बाद लॉक-इन पीरियड का खत्म होना भी है। 29 जनवरी को 2.9 मिलियन शेयरों का अनलॉक हुआ था, जिसके बाद 31 जनवरी को 300,000 और 10 फरवरी को 65 मिलियन शेयर अनलॉक हुए। इन शेयरों के बिक्री के लिए उपलब्ध होने से बाजार में और गिरावट आई, और 14 फरवरी को स्विगी का शेयर अपने ऑल-टाइम लो 323 रुपये पर पहुंच गया।
स्विगी को बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना

स्विगी के स्टॉक पर गिरावट का एक और कारण फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा है। इस क्षेत्र में अन्य कंपनियों की तरफ से कड़ी टक्कर मिल रही है, जिसके कारण स्विगी को अपने व्यापार में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, निवेशकों को कंपनी के भविष्य की दिशा को लेकर भी अनिश्चितता है, जिससे वे अधिक सतर्क हो गए हैं।
आईपीओ के बाद आई मुश्किलें
स्विगी ने नवंबर 2024 में अपने आईपीओ के तहत 390 रुपये के इश्यू प्राइस पर शेयर बेचे थे। हालांकि, शेयर बाजार में गिरावट के कारण कंपनी के स्टॉक पर प्रतिकूल असर पड़ा। इसके साथ ही, फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स की बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने स्विगी की स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। निवेशकों को अब उम्मीद है कि कंपनी जल्द ही अपने नतीजों में सुधार करेगी और व्यापार में स्थिरता ला सकेगी।