Swami Prasad Maurya:यूपी की राजनीति में इस समय सियासत गरमाई हुई है, सपा से इस समय स्वामी प्रसाद मौर्य काफी नाराज चल रहे है, मौर्य अब सपा से खुद को पूरी तरह से अलग कर चुके है, इतनी ही नहीं उन्होंने अपनी नई पार्टी का गठन कर लिया है। वहीं अपनी नई पार्टी का ऐलान करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने हमलावर रुख अपना लिया है। इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव पर जमकर हमला करते हुए कहा कि-” 22 फरवरी को वो अपनी आगे की रणनीति का एलान करेंगे, इस बारे में वो कार्यकर्ताओं से बात करेंगे, जिसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी..
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उनकी बात उन्हे मुबारक हो- उनकी बात उन्हे मुबारक हो
वहीं इस दौरान उन्होनें अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि- उनकी बात उन्हे मुबारक हो, मैं हमेशा पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की लड़ाई को लड़ता रहूंगा।,”…उनकी सरकार न तो केंद्र में है और न ही प्रदेश में है, कुछ देने की हैसियत में नहीं है, उन्होंने जो भी दिया है वह मैं उन्हें सम्मान के साथ वापस कर दूंगा, मेरे लिए पद नहीं विचार मायने रखता है… मेरे लिए विचार में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, देशवासियों, ग़रीबों, बेरोज़गारों के हितों पर जब भी कुठाराघात होगा मैं पलटवार करता रहूंगा, पहले भी करता रहा हूं.. आगे भी करता रहूंगा, अखिलेश यादव की कही हुई बात उन्हें मुबारक।”
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“आज बेरोज़गारी बढ़ी है.. महंगाई बेतहाशा बढ़ गई है”
इस दौरान उन्होनें आगे कहा कि – “आज जिस तरह से एससी और एसटी का आरक्षण ख़त्म किया जा रहा हैं, जातीय जनगणना के लिए सड़क पर निकलना चाहिए था, हम बंद कमरे में बैठे हैं, आज बेरोज़गारी बढ़ी है.. महंगाई बेहताशा बढ़ गई है… लोकतंत्र की हत्या हो रही है… संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं… देश को बेचा जा रहा है, इन सब मुद्दों को लेकर सड़क पर निकलने के लिए हमने अनुरोध किया था, आज तक वो बातें सुनी नहीं गई है। “
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“22 फरवरी को दिल्ली में कार्यकर्ताओं का समागम होगा”
आपको बता दें कि सपा नेता ने स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा में भेदभाव होने का आरोप लगाते हुए कहा कि “सपा के संगठन में भी भेदभाव है, एक महासचिव है जिसका बयान निजी हो जाता है और एक महासचिव है जिसका बयान पार्टी का हो जाता है, जब संगठन में ही भेदभाव हैं जो मैं भेदभाव के ख़िलाफ़ ही लड़ाई लड़ता हूं. तो ऐसे पद पर रहने का औचित्य क्या है, इसलिए सारा विवरण लिखते हुए मैंने अध्यक्ष जी को पत्र भेजा, उन्होंने बातचीत करना मुनासिब नहीं समझा, इसलिए अब मैं अपना कदम आगे बढ़ा रहा हूँ, 22 फरवरी को दिल्ली में कार्यकर्ताओं का समागम होगा, कार्यकर्ता ही आगे की राह तय करेंगे ,जो निर्णय कार्यकर्ताओं का होगा वहीं निर्णय हमारा भी होगा। “
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अखिलेश यादव ने क्या कहा?
स्वामी प्रसाद मौर्य के अलग होने पर अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि-“स्वामी मौर्य फायदे के लिए सपा में आए थे। स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए अखिलेश ने कहा कि -“लाभ लेने के लिए हर कोई आता है, लेकिन मौके पर कौन टिकता है? किसी के मन में क्या है यह कौन बताएगा? उन्होनें कहा कि-” क्या ऐसी कोई मशीन है जिससे पता चल पाए कि किसके मन में क्या चल रहा है? लाभ लेकर तो हर कोई चला ही जाता है। अखिलेश के इस बयान को स्वामी प्रसाद मौर्य और जयंत चौधरी के संदर्भ में देखा जा रहा है।