आदिपुरुष मूवी को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्या ने दी अपनी प्रतिक्रिया

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By Komal

Vibhanshu Mani Tripathi

आदिपुरुष फिल्म में रामायण के सभी पात्र यथा मर्यादा पुरुषोत्तम राम, प्रकांड महारथी व विद्वान रावण, आज्ञाकारी भाई लक्ष्मण एवं आज्ञाकारी भक्त, सेवक व राजदूत हनुमान के माध्यम से मनोज मुन्तसिर एवं ओम राऊत ने जिस तरीके से अमर्यादित स्तरहीन गुंडे, मवाली व टपोरियों की भाषा बोलवाकर इन दोनों कलाकारों ने उपहास उड़ाया है।

मर्यादा गिराई है क्या इससे हिन्दू धर्म के ठेकेदारों व सनातन धर्म का अपमान नहीं हुआ? यदि हुआ तो आतंकवादी भाषा बोलने साधु-संत व धर्म के ठेकेदार किस चूहें के बिल में घुस गए हैं, जो कल तक मेरी हत्या करने, धड़ से सिर अलग करने, तलवार से सिर काटने, जीभ काटने, नाक-कान व हाथ काटने के लिए उतावले हों गए थे, उनकी बोलती आज बंद क्यों है? इसलिए न की मनोज मुन्तसिर और ओम राऊत ऊँची जाती के हैं।


मैंने तो किसी धर्म, आराध्य पर कोई टिप्पणी भी नहीं की थी बल्कि हमने तो मानस के मात्र उन चौपाइयों के अंश को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग की थी जिसमे तुलसीदास जातीय कुंठा से ग्रसित होकर शूद्र वर्ण में आने वाली जातियों को व देश की समस्त महिलाओ को मारने-पीटने, प्रताड़ित करने, नीच व अधम कहने, नीच से भी नीच करार करने तथा अपमानित करने की बात कही थी, से मुक्ति दिलाकर उनके सम्मान का रास्ता प्रशस्त करने की बात की थी।

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