Surya Grahan 2025: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण अब समाप्त हो चुका है। यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण था, जो लगभग 3 घंटे और 56 मिनट तक चला। इस ग्रहण का दृश्य भारत समेत कई देशों में देखा गया। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य का एक हिस्सा या पूरा हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाता है। इस ग्रहण के दौरान कई धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का पालन किया जाता है।
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सूर्य ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ क्यों नहीं किया जाता?
सूर्य ग्रहण के समय विशेष धार्मिक मान्यताएं हैं, जिनके अनुसार इस दौरान पूजा पाठ नहीं किया जाता है। भारतीय परंपरा के अनुसार, ग्रहण के समय पृथ्वी पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है, जिससे पूजा पाठ में विध्न आ सकता है। यह माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान देवी-देवता अपने स्थान से हट जाते हैं और इस समय वातावरण में अशुद्धि फैल जाती है। यही कारण है कि इस दौरान श्रद्धालु उपवासी रहते हैं और धार्मिक कार्यों से बचते हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के समय उत्तेजना या तनाव भी बढ़ सकता है, इसलिए इस दौरान कोई महत्वपूर्ण कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण के बाद दान का महत्व
सूर्य ग्रहण के बाद दान करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के बाद किए गए दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस समय दान करने से ग्रहण के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण के बाद गरीबों को भोजन, कपड़े, आभूषण, या फिर अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करना चाहिए। साथ ही, यह भी कहा जाता है कि सूर्योदय के बाद नदियों या जल स्रोतों में स्नान करना चाहिए ताकि शरीर और आत्मा की शुद्धि हो सके।
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ग्रहण के बाद किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कार्य
सूर्य ग्रहण के बाद कुछ खास कार्यों का पालन करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें सबसे पहले ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना और शुद्ध होना शामिल है। इसके बाद मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करना और देवी देवताओं से आशीर्वाद लेना चाहिए। कुछ लोग इस समय में विशेष रूप से “ग्रहण दोष” से मुक्ति के लिए तंत्र-मंत्र का जाप भी करते हैं। इसके साथ ही, ध्यान और साधना का समय भी ग्रहण के बाद रखा जाता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।
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अगला सूर्य ग्रहण
अब 21 सितंबर 2025 को अगला सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में विशेष रूप से देखा जा सकेगा। यह ग्रहण आंशिक रूप से भारत में दिखाई देगा, जबकि कुछ स्थानों पर इसका दृश्य और प्रभाव अधिक स्पष्ट होगा। वहीं, भारत में 2 अगस्त 2027 को एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा, जो एक शानदार खगोलीय घटना होगी।