Bihar News: बिहार के चर्चित बृजबिहारी प्रसाद (Brij Behari Prasad) हत्या केस में सुप्रीमकोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में आरोपी मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जबकि पूर्व सांसद सूरजभान समेत 6 अन्य आरोपी को कोर्ट ने बरी करार दिया है।बिहार सरकार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्या मामले में पटना हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी करार दिया था लेकिन इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना,जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादवेन की बेंच ने 2 आरोपियों मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
बहुचर्चित बृज बिहारी हत्याकांड में SC का फैसला

आपको बता दें कि,13 जून 1998 को बिहार सरकार के तत्कालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद (Brij Behari Prasad) की हत्या कर दी गई थी।बिहार की राजधानी पटना में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कड़ी सुरक्षा के बीच 90 के दशक में यूपी का सबसे प्रसिद्ध माफिया रहा श्री प्रकाश शुक्ला ने एक-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर बृजबिहारी प्रसाद की हत्या कर दी थी।
पत्नी रमा देवी ने लालू यादव पर लगाया था आरोप

राजधानी पटना में हुए इस दिनदहाड़े हत्या से सनसनी मच गई थी पुलिस के लिए इस हत्याकांड में शामिल दोषियों को गिरफ्तार करना एक बड़ी चुनौती बन गई थी।बृज बिहारी (Brij Behari Prasad) की पत्नी रमा देवी ने हत्या के लिए लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे उनकी पत्नी ने कहा था कि,मेरे पति बृज बिहारी बिहार के मुख्यमंत्री ना बन पाए इसके लिए इन लोगों ने उनकी हत्या करवा दी।पति की हत्या के बाद रमा देवी ने भाजपा में शामिल हो गई थी। पार्टी की टिकट पर जीतकर वह 2019 में शिवहर लोकसभा से संसद पहुंची थी। 2024 के चुनाव में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया।
1998 में कोर्ट 8 आरोपियों को सुनाई थी उम्रकैद की सजा
1998 में हुए इस बहुचर्चित हत्याकांड में निचली अदालत ने 2009 में 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी जिसमें सूरजभान सिंह,विजय शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला,मुकेश सिंह,राजन तिवारी,ललन सिंह,मंटू तिवारी,राम निरंजन चौधरी,सुनील सिंह और शशि कुमार राय को आरोपी बनाया गया था।
HC के फैसले को पत्नी ने SC में दी थी चुनौती

सूरजभान सिंह, विजय शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला, मुकेश सिंह, राजन तिवारी, ललन सिंह, मंटू तिवारी, राम निरंजन चौधरी, सुनील सिंह और शशि कुमार राय को आरोपी बनाया था।हालांकि पटना हाईकोर्ट ने साल 2014 में सबूतों के अभाव में सभी 8 आरोपियों को बरी करार दे दिया था।हाईकोर्ट ने अपने फैसले में पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला,पूर्व सांसद सूरजभान सिंह,पूर्व विधायक राजन तिवारी समेत 8 लोगों को इसमें बरी किया था इसके बाद मंत्री की पत्नी रमा देवी और सीबीआई ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी थी।सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में 6 आरोपियों को बरी करते हुए 2 आरोपी मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी है।
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