बुलडोजर एक्शन पर Supreme Court ने लगाई रोक,कहा-‘अनुमति के बिना नहीं ले सकते एक्शन’

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Bulldozer Justice

Bulldozer Justice: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगले आदेश तक भारत में कहीं भी बिना किसी न्यायिक अनुमति के बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यह आदेश सभी राज्यों पर लागू होगा, जो बुलडोजर कार्रवाई के मामलों में शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी करने की बात भी कही है, और अगली सुनवाई की तारीख 1 अक्टूबर निर्धारित की है।

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जनहित याचिका पर होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई के महिमामंडन पर सवाल उठाया और उसे तत्काल रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया। कोर्ट ने याचिका में कहा है कि जहां-जहां बुलडोजर कार्रवाई से लोगों को नुकसान हुआ है, उन पीड़ितों को मुआवजा तुरंत मिलना चाहिए। इसके साथ ही, याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि बुलडोजर एक्शन में शामिल अधिकारियों और पीड़ितों के नाम भी सार्वजनिक किए जाएं।

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निर्देशों का पालन करना आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि अगली सुनवाई तक, न्यायालय की अनुमति के बिना किसी भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जाएगा, सिवाय सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर किए गए अवैध कब्जों के अलावा। कोर्ट ने यह भी कहा कि अवैध निर्माण के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ कदापि नहीं होनी चाहिए।

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सरकारी पक्ष ने दी अपनी दलीलें

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बुलडोजर कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए ही की गई है। उन्होंने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने का प्रयास बिल्कुल भी नहीं किया गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह भी कहा कि इस मामले में गलत नैरेटिव फैलाया जा रहा है।

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कोर्ट की प्रतिक्रिया

जस्टिस के वी विश्वनाथन ने स्पष्ट किया कि कोर्ट बाहरी आरोपों या बहसों से प्रभावित नहीं होता। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी गैरकानूनी विध्वंस का मामला सामने आता है, तो यह संविधान की भावना के खिलाफ होगा और इस पर ध्यान दिया जाएगा। जस्टिस जे गवई ने कहा कि कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं हो सकती और मनमानी कार्रवाई को रोकने के लिए निर्देश जारी किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने “बुलडोजर न्याय” के महिमामंडन को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया है। कोर्ट ने कहा कि दिखावे के लिए की जाने वाली कार्रवाइयों की अनुमति नहीं दी जाएगी, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्रवाई केवल कानूनी प्रक्रिया के तहत हो। कोर्ट का उद्देश्य यह है कि किसी भी प्रकार की अनुचित या मनमानी कार्रवाई न हो, जिससे लोगों को गलत तरीके से नुकसान न पहुंचे।

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अक्टूबर में होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई की तारीख 1 अक्टूबर को होगी, और तब तक सभी बुलडोजर कार्रवाइयों पर रोक जारी रहेगी। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस अवधि के दौरान न्यायालय की अनुमति के बिना किसी भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जाएगा, हालांकि सार्वजनिक स्थलों पर अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि न्यायिक प्रक्रिया और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कठोर दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे, और किसी भी प्रकार की अनुचित या मनमानी कार्रवाई की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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