85साल की उम्र में  ‘सुपर नटवरलाल’ की मौत, जानिए शातिर अपराधी की Full Story…

Mona Jha
By Mona Jha

Dhani Ram Mitta Death:सबसे चलाक और बुद्धिमान अपराधी ‘सुपर नटवरलाल’ उर्फ ‘इंडियन चार्ल्स शोभराज’ उर्फ धनीराम मित्तल की 85 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत हो गई. कानून से स्नातक की डिग्री होने के बावजूद भी धनीराम मित्तल ने अपराध का रास्ता चुनना सही समझा था. ऐसा माना जाता है कि मित्तल ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़ और पंजाब जैसे विभिन्न राज्यों से 1000 से अधिक कारें चुराई हैं और वो इतना शातिर था कि फर्जी लेटर के सहारे जज बन बैठा और करीब 2000 कैदियों को रिहा भी कर दिया था. ऐसे मायनों में धनीराम द्वारा किए गए कारनामें की वजह से कई राज्यों की पुलिस को शायद ही उसकी मौत पर यकीन हो.

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धनीराम के अपराधों के किस्से

धनीराम मित्तल किसी भी राइटिंग और दस्तख्त की हूबहू नकल उतराने का मास्टर माना जाता था. पुलिस की माने तो, धनीराम पर जालसाजी के 150 मुकदमें दर्ज थे. उसने वकालत की डिग्री हासिल की थी और इस वजह से वो अपने मुकदमों की खुद ही पैरवी करता था. उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिये रेलवे में नौकरी भी हासिल कर ली थी और वर्ष 1968 से 74 के बीच स्टेशन मास्टर के पद पर काम किया. हद तो तब हो गई जब वो फर्जी चिट्ठी के सहारे खुद ही जज बन बैठा और 2270 आरोपियों को जमानत दे दी.

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2270 आरोपियों को दी जमानत

70 के दशक के आसपास धनीराम ने एक अखबार में झज्जर के एडिशनल जज के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश की खबर पढ़ी थी. इसके बाद कोर्ट परिसर जाकर उसने इस विषय पर पूरी जानकारी ली और एक लेटर टाइप कर सीलबंद लिफाफे में करके वहां रख दिया. उसने इस चिट्ठी पर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार की फर्जी स्टैंप लगाई, साइन किए और विभागीय जांच वाले जज के नाम से इसे पोस्ट कर दिया. इस लेटर में उस जज को 2 महीने की छुट्टी भेजने का आदेश था. जिसे उस जज ने सही समझ लिया और छुट्टी पर चले गए.

इसके अगले ही दिन उसी अदालत में हरियाणा हाईकोर्ट के नाम से एक और सीलबंद लिफाफा आता है, जिसमें उस जज के 2 महीने छुट्टी पर रहने के दौरान उनका काम देखने के लिए नए जज की नियुक्ती का आदेश था. जिसके बाद धनीराम खुद ही जज बनकर कोर्ट पहुंच गया और  कोर्ट स्टाफ  भी सच में जज मान लिए. इसके बाद उसने 40 दिन तक नकली मामलों की सुनवाई करते हुए हजारों केस का निपटारा कर दिया. इस दौरान उसने 2270 आरोपियों को जमानत भी दे दी.

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