India-Pakistan Tension Impact on Stock Market: पाकिस्तान से युद्ध की आहट के बीच आमतौर पर किसी भी देश के शेयर बाजारों पर निगेटिव असर पड़ता है, खासकर विदेशी निवेशकों पर। ऐसे माहौल में निवेशकों का जोखिम से बचना स्वाभाविक होता है, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध के हालात में ऐसा प्रतीत होता है कि विदेशी निवेशक अभी तक भारतीय बाजारों में अपनी निवेश रणनीति में बदलाव करने के बजाय उसमें भरोसा बनाए हुए हैं। पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बावजूद, विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में पिछले कुछ हफ्तों में भारी निवेश किया है, जो बाजारों के सकारात्मक प्रदर्शन का कारण बना है।
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विदेशी निवेशकों ने बढ़ाई खरीदारी
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय शेयर बाजारों पर कोई नकारात्मक असर नहीं देखा गया है। हमले के दिन से लेकर अब तक भारतीय बाजारों में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है। सेंसेक्स में 1000 अंकों से ज्यादा और एनएसई 50 में लगभग 225 अंक की वृद्धि हुई है। बुधवार को भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद भी बाजार स्थिर बने हुए हैं, और इसका मुख्य कारण भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों का भरोसा है।
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भारतीय बाजार में विश्वास
पहलगाम हमले के बाद से अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का निवेश लगातार सकारात्मक रहा है। 22 अप्रैल से 6 मई तक, 9 ट्रेडिंग सत्रों में FPI ने भारतीय इक्विटी में कुल 26,035 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह एक सकारात्मक प्रवृत्ति रही, क्योंकि किसी भी दिन FPI का निवेश निगेटिव नहीं रहा।इस दौरान, FPI ने भारतीय शेयर बाजारों पर अपना विश्वास बनाए रखा और उम्मीद से ज्यादा निवेश किया। हमले से पहले, 15 अप्रैल को FPI ने भारतीय इक्विटी से 2,352 करोड़ रुपये निकाले थे, लेकिन इसके बाद से उनका निवेश प्रतिदिन सकारात्मक बना हुआ है।
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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच निवेश की नई दिशा
विदेशी निवेशकों के इस रुख से यह साफ हो जाता है कि वे भारत के आर्थिक विकास और बाजार के प्रति अपनी सकारात्मक धारणा को बनाए हुए हैं। आमतौर पर जब दो देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनती है, तो निवेशक अपने पैसे निकालने की प्रवृत्ति दिखाते हैं, लेकिन इस बार यह स्थिति अलग रही। विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में अपनी पोजीशन को और मजबूत किया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
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भारतीय शेयर बाजार में बढ़ी हुई आशा
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद, भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों का विश्वास मजबूत बना हुआ है। इस दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में भारी निवेश किया है और साथ ही भारतीय बाजार की स्थिरता को भी सुनिश्चित किया है। यह घटनाक्रम भारतीय बाजारों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिससे यह साबित होता है कि विदेशी निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और भविष्य में वृद्धि की उम्मीदें बनाए हुए हैं।