Stock Market में आज भारी गिरावट देखने को मिल रही है, जिसके कारण निवेशकों के बीच असमंजस और चिंता का माहौल बन गया है। सेंसेक्स 1,350 अंकों की गिरावट के साथ 77,890 के स्तर पर बंद हुआ। इसके अलावा, BSE पर लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन में करीब 11 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई। निफ्टी बैंक भी 50,000 के नीचे गिरते हुए देखा गया।
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सेंसेक्स में 1,225 अंकों का दबाव

इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स में 1,225 अंकों का दबाव देखा गया, जबकि मिडकैप इंडेक्स में भी लगभग इसी तरह की गिरावट आई। वोलाटिलिटी इंडेक्स (India VIX) में 17% तक की वृद्धि हुई, जो निवेशकों के डर और अनिश्चितता को दर्शाता है। यह गिरावट सभी सेक्टरों में चौतरफा बिकवाली की वजह से हुई, जिसमें HDFC Bank, RIL, Kotak Mahindra Bank और M&M जैसे प्रमुख शेयरों ने बाजार पर सबसे अधिक दबाव डाला।
हालांकि, कुछ कंपनियों ने तिमाही नतीजों के बाद बेहतर प्रदर्शन किया, जैसे कि Titan, Bajaj Finance और ICICI Bank। साथ ही, HMPV के बढ़ते मामलों के कारण डायग्नोस्टिक कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई, जैसे Metropolis, Thyrocare, Vijaya Diagnostics और Dr. Lal PathLabs।इसके अलावा, निफ्टी 23,600 के नीचे गिरते हुए 410 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ, और अब यह अपने शिखर (26,277) से करीब 10% नीचे पहुंच चुका है। इस गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजार करेक्शन मोड में दिखाई दे रहा है, और निवेशकों को बाजार में अधिक अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।

HMPV के मामले और चीन में वायरस का प्रकोप
भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले बढ़ने के बाद, बाजार में चिंता फैल गई। इसके अलावा, चीन में वायरस के प्रकोप की स्थिति ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता को बढ़ा दिया है। इन दोनों घटनाओं से बाजार में खौफ और जोखिम की भावना गहरी हो गई है, जो निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर ले गई।
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बिकवाली का दबाव

घरेलू मोर्चे पर, कई कंपनियों के तिमाही नतीजे बाजार की उम्मीदों से कम रहे, जिसके कारण इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। HDFC Bank, RIL, Kotak Mahindra Bank और M&M जैसे प्रमुख शेयरों ने भारी बिकवाली का सामना किया, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी पर दबाव बढ़ा।
वोलाटिलिटी और डर गेज (India VIX) में वृद्धि
वोलाटिलिटी इंडेक्स (India VIX) में 17% तक की बढ़ोतरी हुई, जो यह दर्शाता है कि बाजार में अस्थिरता और डर की भावना बढ़ी है। जब वोलाटिलिटी इंडेक्स बढ़ता है, तो यह आम तौर पर संकेत देता है कि बाजार में अनिश्चितता है और निवेशक जोखिम से बचने के लिए बेचने की प्रवृत्ति दिखाते हैं।
स्मॉल और मिडकैप शेयरों में बिकवाली
मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में भी भारी बिकवाली देखी गई, जिससे इन शेयरों का मूल्य तेजी से गिरा। ये शेयर आमतौर पर जोखिम के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, और ऐसी गिरावट से निवेशकों का विश्वास कमजोर हो सकता है।
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वैश्विक आर्थिक चिंता
वैश्विक आर्थिक चिंता, खासकर चीन में वायरस के प्रकोप और अन्य आर्थिक संकेतों के कारण, निवेशकों को एक सुरक्षित मार्ग की तलाश में मजबूर किया। इसके परिणामस्वरूप, निवेशकों ने जोखिम से बचने के लिए भारतीय बाजार में बिकवाली की।
वैश्विक बाजार में मांग कमी
आर्थिक मंदी के संकेत और वैश्विक बाजार में कमजोर मांग की वजह से कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ा, जिससे निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ। इसके चलते शेयरों में बिकवाली बढ़ी और बाजार में गिरावट आई।