Stock Market Crash Today:भारतीय शेयर बाजार में 31 दिसंबर 2024 को साल के आखिरी कारोबारी दिन भारी गिरावट देखने को मिली। ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेतों और प्रमुख सेक्टर्स में बिकवाली के दबाव के चलते बाजार में मंदी का माहौल बन गया। सेंसेक्स 600 अंक से अधिक गिरकर 77,600 के आसपास कारोबार करता हुआ दिखाई दिया, जबकि निफ्टी भी लाल निशान में रहा। इस दिन बाजार के बंद होने से पहले यह गिरावट और बढ़ने की संभावना थी।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का कारण

आज के कारोबारी दिन की शुरुआत में बीएसई सेंसेक्स 265.56 अंकों (0.34%) की गिरावट के साथ 77,982.57 पर खुला था। वहीं, निफ्टी 50 भी 84.30 अंक (0.36%) नीचे 23,560.60 पर खुला। शुरुआती कारोबार में ही बाजार में बिकवाली का दबाव देखा गया और सेंसेक्स में भारी गिरावट आई। सुबह 10:09 बजे तक सेंसेक्स में 626.88 अंकों (0.80%) की गिरावट आई और यह 77,621.26 के स्तर पर था। वहीं, निफ्टी 50 में भी 160.75 अंकों (0.68%) की गिरावट आई, जो 23,484.15 के स्तर पर था।
ग्लोबल संकेतों और निवेशकों के सतर्क रुख का असर

इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेत और घरेलू बाजार में प्रमुख सेक्टर्स में बिकवाली का दबाव थे। वैश्विक स्तर पर बाजार में कमजोरी और आर्थिक अनिश्चितता का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। इसके अलावा, घरेलू निवेशक सतर्क नजर आ रहे थे और बाजार में इस कारण ट्रेडिंग वॉल्यूम भी कम रहा। निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया, जिससे बाजार में और अधिक गिरावट देखी गई।
सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज करने वाली कंपनियां

सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से प्रमुख कंपनियों जैसे टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, जोमैटो, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। इन कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली का असर पड़ा और यह गिरावट बाजार के गिरते हुए संकेतों का मुख्य कारण बनी।
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कुछ कंपनियों के शेयरों में रही बढ़त
हालांकि, कुछ कंपनियों के शेयरों में बढ़त भी देखने को मिली। कोटक महिंद्रा बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, टाटा मोटर्स, और टाटा स्टील के शेयरों में तेजी आई, जो बाजार में गिरावट के बावजूद सकारात्मक रुख बनाए रखने में कामयाब रहे।
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निवेशकों के लिए सतर्क रहने का समय

साल के आखिरी कारोबारी दिन की गिरावट से यह संकेत मिलते हैं कि निवेशकों को सतर्क रहना होगा और साल 2024 के लिए अपने निवेश निर्णयों को फिर से सोच-समझ कर लेना होगा। आने वाले समय में अगर ग्लोबल अर्थव्यवस्था में सुधार होता है तो भारतीय बाजार में भी सुधार की संभावना हो सकती है।