Stampede in kumbh mela 2025: महाकुंभ 2025 में प्रयागराज में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे मेला क्षेत्र को झकझोर दिया है। इस घटना ने श्रद्धालुओं के मन में पुरानी घटनाओं को ताजा कर दिया है, जब कुंभ मेले के दौरान भगदड़ के कारण सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके थे। महाकुंभ 2025 में भी संगम क्षेत्र के पास हुई भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिसने कुंभ मेले के इतिहास में एक और काला अध्याय जोड़ दिया है।
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2013 और 1954 की दर्दनाक यादें
महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ ने लोगों को 2013 और 1954 के कुंभ मेलों की घटनाओं की याद दिला दी, जब इसी तरह की भगदड़ ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी। इस बार भी कई श्रद्धालु अपने परिवारों के साथ घटना स्थल से पास पहुंचे और जब उन्हें घटना का पता चला तो वे हैरान रह गए।

रमेश कुमार जैसे श्रद्धालुओं ने 2013 की घटना को याद करते हुए कहा कि उस समय उनके पिता भी कुंभ मेले में गए थे और जंक्शन पर हुए भगदड़ में वह मुश्किल से बच पाए थे। इस बार मेला प्रशासन ने व्यवस्थाएं बेहतर होने का दावा किया था, लेकिन फिर भी इस दिल दहला देने वाली घटना ने श्रद्धालुओं को स्तब्ध कर दिया।
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2013 में प्रयागराज जंक्शन पर हुई भगदड़
2013 में महाकुंभ के दौरान, 10 फरवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज जंक्शन (तत्कालीन इलाहाबाद) पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। वहां पर हर प्लेटफार्म और ओवरब्रिज पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। शाम करीब सात बजे, प्लेटफार्म 6 की ओर जाने वाले फुट ओवरब्रिज पर अचानक भगदड़ मच गई।

इस धक्का-मुक्की के कारण कई लोग ओवरब्रिज से नीचे गिर गए, जबकि कुछ लोग भीड़ के कुचले जाने से घायल हो गए। इस हादसे में 36 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। यह घटना कुंभ मेले के इतिहास में एक बेहद दुखद दिन साबित हुई थी।
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1954 का कुंभ हादसा

इसके अलावा, 1954 में भी कुंभ मेले के दौरान एक भयंकर भगदड़ हुई थी, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस हादसे ने भी कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए थे, और इसके बाद से सुरक्षा उपायों को लेकर कई बदलाव किए गए थे।
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कुंभ मेले में सुरक्षा की चुनौती

महाकुंभ में भीड़ बहुत बड़ी होती है और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है। हालांकि इस बार मेला प्रशासन ने बेहतर इंतजामों का दावा किया था, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा के मुद्दे पर पुनः विचार करने की आवश्यकता को सामने ला दिया है। प्रशासन और सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए।