Narad Rai: लोकसभा चुनाव अब अपने दौर में चल रहा है. अभी तक 6 चरणों के चुनाव हो चुके है.अब बस 1 जून को आखिरी चरण के लिए मतदान होना बाकी है. जैसे-जैसे 18वीं लोकसभा का चुनाव समाप्ति की ओर बढ़ रहा है,वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच उठापटक देखने को मिल रही है. यूपी के बलिया में 1 जून को वोटिंग होनी है.इससे पहले सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने चुनाव अभियान तेज कर दिया है. हर एक दल चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरा ताकत झोंक रहा है. चुनावी माहौल के बीच बलिया से समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है.
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नारद राय ने अमित शाह से की मुलाकात
बलिया में वोटिंग होने से पहले पूर्व मंत्री एवं पूर्वांचल के दिग्गज भूमिहार नेता नारद राय के तेवर इन दिनों खूब सुर्खियों में है.उन्होंने बीते दिन अपने आवास पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. अमित शाह से मुलाकात करने वालों में सपा नेता एवं पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह भी शामिल रहे. इन दोनों नेताओं के अपने समर्थकों के साथ जल्द ही भाजपा में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है.
BJP में शामिल होने की अटकलें
अमित शाह से मुलाकात होने के बाद राजनीतिक गलियारों में नारद राय का भाजपा में शामिल होने को लेकर अटकलें तेज हो गई,इस बीच वरिष्ठ नेता नारद राय ने पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के संकेत दिए हैं. उन्होंने सोमवार रात ‘X’ पर एक पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा की. बता दे कि, नारद राय दिवंगत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने अमित शाह के साथ अपनी मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर साझा की, जो निकट भविष्य में संभावित दलबदल का संकेत देती है.
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‘परिवार का घर छोड़ते हो या पार्टी छोड़ते हो तो तकलीफ होती’
बताते चले कि, नारद राय के इस कदम को लेकर एक न्यूज चैनल ने उनसे बातचीत की,इस दौरान उन्होंने कहा कि, ‘परिवार का घर छोड़ते हो या पार्टी छोड़ते हो तो तकलीफ होती है. और खास तौर ऐसी पार्टी छोड़ने में जहां मैंने अपनी जिंदगी के 40 साल गुजार दिए. छोटे लोहिया (जनेश्वर मिश्र) ने मुझे छात्र राजनीतिक से निकालकर मुख्य धारा की राजनीति से जोड़ा. उनके आशीर्वाद से एमएलए बना, मंत्री बना और जितना हुआ विकास भी किया. इलाहाबाद में जब जनेश्वर मिश्र नहीं रहे तो मैं रो रहा था. तब नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने कहा, नारद मैं जिंदा हूं. जब तक रहूंगा कभी जनेश्वर मिश्र की कमी तुम्हें नहीं खेलने दूंगा. हमारा दुर्भाग्य है कि अब नेताजी भी नहीं रहे.’
अखिलेश यादव को लेकर क्या बोले नारद राय?
इसी कड़ी में नारद राय ने आगे कहा कि, ‘एक घटना ऐसी हुई जिसे सब जानते हैं. तब भी मैं नेताजी के साथ बेटा बनकर खड़ा रहा और अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के नेता बनकर खड़े रहे कि हमको हिस्सेदारी दो. हम लोग बार-बार कह रहे थे कि नेताजी के सम्मान को मत घटाइए. नेताजी को जिंदगी भर अध्यक्ष रहने दीजिए. बाकी सबकुछ आप लोगों का है. आप लोगों का रहेगा. यही नेताजी की इच्छा थी और मैं उसके लिए लड़ता रहा. उसी बीच में अखिलेश से हमारी दूरी बढ़ती गई और उन्होंने हमको 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट भी नहीं दिया. नेताजी की जिद थी कि नारद राय को चुनाव लड़ाना है. अखिलेश ने 2022 में हमको टिकट तो दिया लेकिन सीधे-सीधे मेरे हारने का भी इंतजाम किया.’
नारद राय समाजवादी पार्टी में भूमिहारों के बड़े नेता
आपको बता दे कि, नारद राय के BJP में जाने की चर्चा से ही समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बलिया में बढ़ गई हैं. नारद राय समाजवादी पार्टी में भूमिहारों के बड़े नेता थे और उनका अपना एक जनाधार था, जो कि BJP में शामिल होने के बाद वह BJP की तरफ शिफ्ट होता हुआ दिखाई दे रहा है. सोमवार को नारद राय की सभा में भी उन्होंने बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया जो इस बात को दर्शाता है कि उनके साथ एक बड़ा तपका BJP की तरफ जा सकता है.
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