Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बीते दिन भाजपा में ‘दागी’ नेताओं के शामिल होने पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि भाजपा इस समय उल्लेखनीय गति से आगे बढ़ रही है, लेकिन इसमें कुछ ऐसे तत्व भी आ रहे हैं जिनका संगठन पर नकारात्मक असर हो सकता है. उन्होंने भाजपा की तुलना फसलों से की, जिनमें वृद्धि के साथ बीमारियां भी आने लगती हैं, जिन्हें संगठन को साफ करना जरूरी है.
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भाजपा में ‘बीमार फसल’ पर कीटनाशक का छिड़काव जरूरी
बताते चले कि, नागपुर के सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने पार्टी के तेजी से विस्तार का उल्लेख करते हुए कहा, “जैसे-जैसे फसल बढ़ती है, बीमारियां भी बढ़ती हैं. भाजपा के पास बहुत सी फसलें हैं, जो अच्छे अनाज के साथ कुछ बीमारियां भी लाती हैं, इसलिए हमें ऐसी बीमार फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करना पड़ता है.” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया संगठन को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए आवश्यक है.
भाजपा की अखंडता बनाए रखने पर दिया जोर
एक इंटरव्यू में नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने भाजपा की अखंडता और साख बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है, जिसमें अलग-अलग कारणों से नए लोग शामिल हो रहे हैं. उन्हें हमारी विचारधारा में ढालना और पार्टी के असली कार्यकर्ता के रूप में प्रशिक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है.” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में एक हजार कार्यकर्ता होते हैं, लेकिन कभी-कभी एक कार्यकर्ता कुछ ऐसा कह देता है जो बाकी कार्यकर्ताओं के प्रयासों को व्यर्थ कर देता है.
महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा की तैयारी
आपको बता दे कि, नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब भाजपा महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है. भाजपा इस बार शिवसेना (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली) और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए.
महाराष्ट्र में पार्टी के नेतृत्व पर जताया विश्वास
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly elections) में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर गडकरी ने स्थानीय नेतृत्व की क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया. उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में मेरी कोई भूमिका नहीं है. यहां के नेता सक्षम हैं और उन्हें फिलहाल मेरी मदद की जरूरत नहीं है. लेकिन जब भी उनकी आवश्यकता होगी, मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा.” नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का यह बयान स्पष्ट करता है कि वे पार्टी में गहराई से जुड़े मुद्दों और संगठन की मजबूती को लेकर सजग हैं. नितिन गडकरी के इस बयान ने भाजपा के अंदर ‘दागी’ नेताओं की एंट्री और संगठन में अनुशासन की अहमियत पर चर्चा छेड़ दी है. यह बयान संगठन को बेहतर और स्वच्छ बनाए रखने के उनके इरादे को साफ दिखाता है.