सर्दी का आगाज़ हो चुका है। नवम्बर का महीना भी हल्की-हल्की ठण्ड के साथ खत्म होने को आ रहा हैं। हालांकि आमतौर पर अपने देखा जाता है कि… सर्दी में सब्जियां (Vegetables) सस्ती हो जाती है। मगर इस बार महीना खत्म होने वाला है लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है। जी हां, अभी भी दिल्ली में बंद गोभी (गोभी का फूल) 80 रुपये किलो तो आलू 40 रुपये किलो, गाजर 40 रुपये किलो, वही टमाटर 60 रुपये किलो,और प्याज 50 रुपये किलो में बिक रहा है।
ऐसा माना जा रहा है कि… इस साल बारिश का मौसम देर तक चला है। इसलिए सब्जियों की बीज-बुवाई (Sowing) ठीक समय पर नहीं हो पाई। इसी कारण से बाजार (Market) में अभी तक स्थानीय सब्जियां (Local Vegetables) नहीं आई हैं। इसी के चलते बढ़ती सर्दी में दिल्ली के थोक बाजार में मसालों के दाम चढ़े हुए हैं।
आटा-मैदा और ब्रेड और हुए महंगे
खुले बाजार में गेहूं के दाम बढ़ने की वजह से इस समय अनब्रांडेड आटा, मैदा और ब्रेड आदि सब महंगे हो गए हैं। कुछ महीने पहले 700 ग्राम के ब्रेड या पावरोटी का जो लोफ 45 रुपये में मिला करता था उसकी कीमत पहले 55 रुपये हुई। अब पिछले दिनों ही चुपके से भी ब्रेड कंपनियों ने इसकी कीमत बढ़ा कर 60 रुपये कर दी।
मसालों के दाम ने भी अपने रंग
महंगाई को हवा देने में अब मसाले भी पीछे नहीं हैं। राजधानी दिल्ली में मसालों के थोक बाजार खारी बावली में छोटी इलायची, बड़ी इलायची, काली मिर्च से लेकर अन्य मसालों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। कारोबारियों के मुताबिक डिमांड की अपेक्षा सप्लाई कम है जिसकी वजह से मसाले के भाव बढ़ रहे हैं। गौरतलब है कि खारी बावली में मसालों की एक बड़ी मार्केट है, जहां सभी प्रकार के मसाले थोक दाम में बिकते हैं। दिल्ली से लेकर आसपास के प्रदेशों में यहां से मसालों की सप्लाई होती है।
बढ़ती मांग ऊपर से बढ़ते हुए इनके दाम
सर्दी आते ही मसालों की मांगे बढ़ी है। जैसे, पहले थोक मंडी में बड़ी इलायची की कीमत 1500 रुपये प्रति किलो थी, जो अब 1700 रुपये प्रति किलो में हो गई है। इसके अलावा छोटी इलायची की कीमत 2600 रुपये प्रति किलो थी, अभी इसकी कीमत 3000 रुपये प्रति किलो है। इसके पीछे की वजह क्रॉप की कमी है, जिसकी वजह से दाम बढ़ रहे हैं। वहीं काली मिर्च की कीमत में प्रति किलो 20 रुपये और दालचीनी की थोक कीमत में 5 से 10 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है।