Karnataka: कर्नाटक (Karnataka) की कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें इन दिनों तेज हो गई हैं ऐसा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके.शिवकुमार के हालिया बयान को देखने के बाद मिला है।हालांकि इसके लिए पार्टी हाईकमान की ओर से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है लेकिन कहा जा रहा है कि,कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के गठन के समय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल के कार्यकाल पर आपसी सहमति बनी थी अब जब सिद्धारमैया के 30 महीने पूरे होने वाले हैं तो डीके.शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा तेज हो गई हैं।
कर्नाटक कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि,आखिरकार हर फैसले पर पार्टी हाईकमान की मुहर लगती है।वहीं दूसरी ओर डीके शिवकुमार ने भी पार्टी के निर्णय को महत्व देते हुए कहा था कि,वह पार्टी के फैसलों के प्रति पूरी तरह से वफादार हैं।कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान को उनके पहले के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें वह पांच साल का कार्यकाल पूरा होने की बात कहते थे।
ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की तय थी बात
कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद डीके.शिवकुमार मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे।उस समय भी ये कहा जा रहा था कि,मुख्यमंत्री बनने की रेस में सिद्धरमैया डीके शिवकुमार से आगे निकल गए लेकिन सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही ऐसी बातें सामने आई थी ढाई-ढाई साल दोनों को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिलेगी।अब इसी शर्त के आधार पर राज्य में अब कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लगाई जा रही हैं।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का हो चुका है नुकसान
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस साल के अंत तक अपने ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर लेंगे उनके बाद पार्टी में दो प्रमुख नाम सीएम पद की रेस में हैं इसमें एक नाम खुद उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का है तो वहीं दूसरा नाम लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली का है।इस बीच दोनों नेताओं के खेमे में अपने-अपने नेता को सीएम बनाने के लिए जोर-आजमाइश चल रही है इसके लिए बकायदा हवन-पूजा यज्ञ और अनुष्ठान चल रहे हैं।
कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस के सामने शर्त को पूरा करना इसलिए भी मजबूरी है क्योंकि इसका नुकसान पार्टी को छत्तीसगढ़ में उठाना पड़ा है।छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह टीएस सिंह देव की नाराजगी भी है जहां भूपेश बघेल को पूरे 5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर बने रहना दिया गया जबकि राज्य में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के लिए बात तय थी।
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