उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल के अंदर 12 नवंबर की सुबह 5:30 बजे से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने में रैट माइनर्स की बड़ी भूमिका रही। वही अब मजदूरों की जान बचाने वालों (रैट माइनर्स) को समाजवादी पार्टी ने एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
Uttarakhand Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में फंसे 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकलने के बाद अब अपने घर पहुंच गए है। जब टनल के अंदर 47 मीटर की ड्रिलिंग के बाद ऑगर मशीन फेल हुई, तो सारी उम्मीदें रैट माइनर्स पर टिक गईं लेकिन फिर रैट-होल माइनिंग के जरिए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। वही मजदूरों की जान बचाने वालों (रैट माइनर्स) को समाजवादी पार्टी ने एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने कहा कि बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार साहसी माइनर्स को 10-10 लाख रुपये की सहायता दे।
कौन होते हैं रैट माइनर्स…
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बता दें कि उत्तराखंड में 17 दिन से टनल के अंदर फंसे 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने वाली 12 लोगों की टीम थी, जिन्हें रैट होल माइनर्स के नाम से भी जाना जाता है। जिस तरह से चूहा अपने बिल के अंदर घुसकर मिट्टी को बाहर फेंकते हुए आगे बढ़ता है, उसी तरह से हम लोगों ने टनल के अंदर काम किया। इन वर्करों ने टनल के अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए 36 घंटे का टाइम दिया गया था, लेकिन इन्होंने 26 घंटे के अंदर ही ऑपरेशन को पूरा कर दिया।
‘बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा’
सीएम ने कहा था कि वादे के मुताबिक इन मजदूरों को एक-एक लाख रुपये के चेक दिए जाएंगे। इसके अलावा, खुदाई के लिए सुरंग के अंदर गए बचावकर्मियों को राज्य सरकार की तरफ से 50-50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। साथ ही मंदिर के मुहाने पर बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा और राज्य में निर्माणाधीन सुरंगों की समीक्षा की जाएगी। सीएम धामी ने कहा था, केंद्र सरकार ने निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट कराने का फैसला किया है। बचाव अभियान में इस्तेमाल की गई अमेरिकी ऑगर मशीन ने बार-बार बाधाओं को पार किया। उन्होंने मिशन को पूरा करने के लिए रैट माइनर्स को धन्यवाद दिया था।