Ayodhya News : एक तरफ तो पूरी दुनिया की नजरें आज भव्य अयोध्या पर आ टिकी हैं जब प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई उस वक्त रामलला की मूर्ति ने प्रत्येक शख्स को भावुक कर दिया जिन्होंने अपने प्रभु को टेंट में रहते देखा और सुना हो.वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की ओर से आज के दिन भी राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला लगातार जारी है.हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की जो आज प्राण प्रतिष्ठा समारोह में तो नहीं शामिल हुए लेकिन उन्होंने समारोह को लेकर कहा कि,भगवान राम उनके सबसे ज्यादा करीब होते हैं जो भगवान राम की रीति,नीति और मर्यादाओं का पालन करते हैं।
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‘इसलिए कहा जाता है मर्यादा पुरुषोत्तम’
अखिलेश यादव ने कहा कि,अयोध्या में आज प्रभु श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह है.जो मूर्ति अब तक पत्थर की थी,उसमें आज प्राण आ जाएंगे और फिर मूर्ति भगवान का रुप धारण कर लेगी।आगे उन्होंने कहा कि,भगवान राम ने आदर्श के जो रास्ते बताए हैं, इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहा जाता है। हम श्रीराम के बताए हुए रास्तों का अनुसरण करेंगे। गरीब दुखी ना रहे, प्रभु ने ऐसी रामराज की कल्पना की थी।
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आमंत्रण मिलने का पहले किया था इनकार
आपको बता दें कि,सपा प्रमुख अखिलेश यादव को विश्व हिंदू परिषद की ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण भेजा गया था लेकिन वो इस बात को पहले तो नकारते रहे लेकिन जब विश्व हिंदू परिषद ने उनको भेजे निमंत्रण पत्र का कूरियर नंबर सार्वजनिक कर दिया तो उन्होंने आमंत्रण के लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का आभार जताया.सपा सांसद डिंपल यादव ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कहा था कि,उन्हें 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला है लेकिन 22 जनवरी के बाद वो सपरिवार अयोध्या प्रभु श्रीराम के दर्शन करने जाएंगी।
फिलहाल अखिलेश यादव अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिलने के बावजूद समारोह में शामिल नहीं हुए उनके अलावा कांग्रेस,टीएमसी समेत कई ऐसे विपक्षी नेता हैं जिन्होंने आज के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से दूरी बनाकर रखी है।