Smart Meter से होगी बिजली बिलिंग में पारदर्शिता, मीटर रीडर की जरूरत होगी खत्म…अब मोबाइल पर ही मिलेगा Electricity Bill

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Smart Meter

Smart Meter: बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है, जिससे आने वाले महीनों में बिजली की रीडिंग लेने के लिए मीटर रीडर की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब बिजली का बिल (Electricity Bill) मोबाइल पर ही मिलेगा, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा और पारदर्शिता मिलेगी। पहले चरण में बिजली घरों के फीडर और ट्रांसफार्मरों के बाहर लगे मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। महीने के अंतिम सप्ताह से सामान्य प्री-पेड मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। राजधानी में 20,000 से अधिक प्री-पेड मीटर उपभोक्ता हैं। इसके साथ ही, सोलर रूफ टॉप वाले घरों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

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सभी उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर

आने वाले समय में सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने से मीटर रीडर का काम खत्म हो जाएगा। वर्तमान में लखनऊ में दो लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगे हैं, जबकि उपभोक्ताओं की संख्या 12 लाख के आसपास है। इसलिए करीब 10 लाख और स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। बरेली में भी दो लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं।

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मध्यांचल के 19 जिलों में तेजी से काम

मध्यांचल के 19 जिलों में 94 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से चार लाख घरों में पहले ही स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। अब 90 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है। इंटेल स्मार्ट ने मीटर लगाने का कार्यभार संभाला है और इस काम के लिए आठ कंपनियों को चुना गया है, जिनमें जीनस, सिक्योर, इप्पल टोन सहित अन्य शामिल हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद सोलर रूफ टॉप उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा। यदि भविष्य में उपभोक्ता सोलर रूफ टॉप लगवाता है, तो वही स्मार्ट मीटर काम आएगा, जिससे अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा। इसे प्रीपेड से पोस्टपेड और पोस्टपेड से प्रीपेड में भी बदला जा सकेगा।

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बिल भुगतान में सहूलियत

वर्तमान में जिन उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगे हैं, अगर वे बिल जमा नहीं करते हैं, तो बिजली कट जाती है। बिल जमा करने के बाद कभी-कभी री-कनेक्शन में परेशानी होती है, लेकिन अब एकीकृत व्यवस्था की जाएगी जिससे री-कनेक्शन आसानी से हो सकेगा। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ता को प्रीपेड मीटर रिचार्ज करने के लिए बिजली उपकेंद्र के काउंटर नहीं जाना पड़ेगा। स्मार्ट ऐप के माध्यम से उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से इसे रिचार्ज कर सकेगा।

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अनियमित बिलिंग पर लगेगी लगाम

शहर में कई उपभोक्ता बिजली का अधिक उपयोग करते हैं, लेकिन बिल अपने हिसाब से जमा करते हैं। स्मार्ट मीटर के माध्यम से उपभोक्ता द्वारा खर्च की गई बिजली सीधे सर्वर पर जाएगी, जिससे रीडिंग में घालमेल नहीं हो सकेगा। नियमित रूप से लोड ज्यादा दिखने पर नियमानुसार लोड बढ़वाना पड़ेगा, जिससे ट्रांसफार्मर क्षमता के अनुसार चलेंगे और कम खराब होंगे।

स्मार्ट मीटर की स्थापना से न केवल बिजली बिलिंग की प्रक्रिया पारदर्शी होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी अधिक सहूलियत मिलेगी। बिल भुगतान में होने वाली देरी और रीडिंग में घालमेल जैसी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। साथ ही, इससे बिजली विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और उपभोक्ताओं के विश्वास में बढ़ोतरी होगी। मध्यांचल के 90 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने का काम जल्द ही शुरू किया जा रहा है। इससे बिजली बिलिंग की व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और मीटर रीडर की जरूरत खत्म हो जाएगी। मीटर लगाने का काम कई महीने चलेगा, लेकिन इसके लाभ दीर्घकालिक होंगे। स्मार्ट मीटर के आने से न केवल उपभोक्ताओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि बिजली विभाग की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।

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