चेहरे पर दाग-धब्बे और झाइयां होना एक आम समस्या है, जो ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती है। यह समस्या न केवल आपकी सुंदरता को प्रभावित करती है, बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डाल सकती है। इन दाग-धब्बों और झाइयों के पीछे अक्सर एक खास त्वचा समस्या का कारण हो सकता है, जिसे मेलाज्मा (Melasma) कहा जाता है। मेलाज्मा एक त्वचा रोग है, जो आमतौर पर चेहरे पर भूरे या काले रंग के धब्बों के रूप में दिखाई देता है। यह समस्या मुख्यतः महिलाओं में देखी जाती है, खासकर गर्भावस्था के दौरान या हार्मोनल बदलावों के कारण।
मेलाज्मा के कारण

मेलाज्मा का प्रमुख कारण हार्मोनल असंतुलन होता है। यह समस्या गर्भवस्था, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, और हार्मोनल थेरपी से जुड़ी हो सकती है। इसके अलावा, सूरज की तेज़ रोशनी भी मेलाज्मा को बढ़ावा देती है, क्योंकि UV किरणें त्वचा के पिगमेंटेशन को बढ़ा सकती हैं। वहीं, जेनेटिक्स यानी परिवार में किसी को यह समस्या होने पर भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। तनाव और कुछ दवाइयां भी मेलाज्मा को उत्पन्न करने में भूमिका निभा सकती हैं।
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मेलाज्मा का इलाज
मेलाज्मा का इलाज समय पर किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए सही उपचार की जरूरत होती है। डर्मेटोलॉजिस्ट (त्वचा विशेषज्ञ) से संपर्क करना सबसे अच्छा उपाय होता है। डॉक्टर के द्वारा बताए गए उपचार में आमतौर पर सिट्रस आधारित क्रीम, हाइड्रोक्विनोन (Hydroquinone) जैसी ब्लीचिंग एजेंट्स, और रेटिनॉयड्स (Retinoids) का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, कुछ पेशेवर उपचार जैसे लेज़र थेरेपी, केमिकल पील्स, और माइक्रोडर्माब्रेशन भी मददगार हो सकते हैं।
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बचाव के उपाय
मेलाज्मा से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि सूरज की रोशनी से बचाव किया जाए। रोज़ाना एसपीएफ 30 या उससे अधिक का सनस्क्रीन लगाना चाहिए, ताकि सूरज की UV किरणों से त्वचा की रक्षा हो सके। इसके अलावा, यदि आप गर्भवती हैं या हार्मोनल गोलियां ले रही हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर इनका उपयोग करें। स्वस्थ आहार, विशेष रूप से एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर भोजन, त्वचा की स्थिति को बेहतर बना सकता है। तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान भी एक अच्छा उपाय हो सकता है।