Skanda Shashthi Vrat 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन स्कंद षष्ठी को बेहद ही खास माना गया है जो कि भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान कार्तिकेय की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं, मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।
स्कंद षष्ठी व्रत उन लोगों के लिए फलदायी है जिन्हें संतान प्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके साथ ही संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए भी स्कंद षष्ठी का व्रत किया जा सकता है। इस दिन व्रत पूजा करने से शारीरिक कष्ट और रोग बीमारियां दूर हो जाती है और भक्तों को आरोग्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में हम आपको स्कंद षष्ठी व्रत की तारीख और पूजा का मुहूर्त बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।

स्कंद षष्ठी व्रत की तारीख और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 31 मई दिन शनिवार को रात 8 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 1 जून दिन रविवार को रात 7 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार स्कंद षष्ठी का व्रत 1 जून दिन रविवार को ही रखा जाएगा।
भगवान कार्तिकेय की पूजा विधि
आपको बता दें कि स्कंद षष्ठी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। ‘मम सकलदुःख-दारिद्रय-विनाशार्थं, पुत्र-पौत्रादि सकल संतान समृद्धर्थं, शत्रुपक्षविजयसिद्धयर्थं स्कंद षष्ठी व्रत करिष्ये’ मंत्र का जाप करते हुए व्रत का संकल्प करें।
इसके बाद मंदिर की साफ सफाई करके भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा स्थापित करें। अगर प्रतिमा न हो तो आप भगवान शिव और माता पार्वती के साथ उनकी विधिवत पूजा करें। इस दिन षष्ठी देवी की पूजा की जाती है, जो कि स्कंद माता का ही रूप हैं इनकी पूजा करने से संतान की रक्षा होती है।
भगवान को लगाएं भोग
भगवान कार्तिकेय को गंगाजल, दूध, दही, शहद से अभिषेक करें। भगवान को चंदन, रोली, अक्षत, पीले पुष्प, माला, धूप, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद भगवान को मोरपंख और लाल चंदन अर्पित करें। भगवान कार्तिकेय को फल, मिठाई का भोग जरूर लगाएं। इसके बाद मंत्र जाप करें। अंत में भगवान की आरती कर पूजा में होने वाली भूल चूक के लिए क्षमा जरूर मांग लें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
