Sivakasi Blast: तमिलनाडु के शिवकाशी में मंगलवार सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ, जिससे कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई है। यह हादसा सेंगमालापट्टी इलाके में स्थित श्री सुदर्शन फायरवर्क्स नामक निजी इकाई में हुआ। स्थानीय समय के अनुसार सुबह करीब 9:30 बजे यह धमाका हुआ, जब फैक्ट्री में करीब 80 से 100 कर्मचारी काम कर रहे थे। घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और चारों ओर धुआं फैल गया।
रसायनों के घर्षण से हुआ विस्फोट, आग में झुलसे मजदूर
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार फैक्ट्री में पटाखों के निर्माण के दौरान रसायनों को मिलाने के दौरान घर्षण हुआ, जिससे अचानक जोरदार धमाका हो गया। इस धमाके में कई मजदूर बुरी तरह झुलस गए हैं, जिन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे के बाद भी फैक्ट्री परिसर में पटाखों के छोटे-छोटे विस्फोट लगातार हो रहे हैं, जिससे राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।
धमाके की आवाज दूर-दूर तक सुनाई दी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धमाके की आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनी गई और फैक्ट्री परिसर से सफेद धुआं उठता दिखाई दिया। विस्फोट के तुरंत बाद आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े, लेकिन लगातार हो रहे धमाकों के चलते कोई भी भीतर नहीं जा सका। एक चश्मदीद ने बताया, “आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग दहशत में आ गए। हमने फौरन दमकल विभाग को सूचना दी, लेकिन लगातार धमाकों के कारण राहत दल को भीतर जाने में परेशानी हो रही है।”
शिवकाशी पटाखा उद्योग का केंद्र
शिवकाशी देश में पटाखा उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है और यहां भारत के 90% से अधिक पटाखे बनाए जाते हैं। हालांकि, यह इलाका अक्सर ऐसे खतरनाक हादसों का गवाह बनता रहा है। इस साल का यह चौथा बड़ा धमाका है। बीते वर्ष मई में हुए एक भीषण विस्फोट में 9 लोगों की जान गई थी। इसके बावजूद सुरक्षा मानकों की अनदेखी और लापरवाही से ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं।
प्रशासन सतर्क, जांच के दिए आदेश
हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गईं। बचाव कार्य जारी है और झुलसे लोगों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने फैक्ट्री प्रबंधन से पूछताछ शुरू कर दी है और विस्फोट के कारणों की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हालांकि, यह सवाल फिर उठ खड़ा हुआ है कि बार-बार होने वाले इन हादसों से प्रशासन कोई सबक क्यों नहीं ले रहा है?
शिवकाशी जैसे संवेदनशील औद्योगिक इलाकों में बार-बार हो रहे विस्फोट न केवल श्रमिकों की जान के लिए खतरा हैं, बल्कि यह सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं। जब तक कड़े सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए जाते, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।
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