CM Yogi On Action Mode: उत्तर प्रदेश में संचालित हो रहे 80 मदरसों को पिछले 3 सालों में 100 करोड़ रुपये की विदेश से फंडिंग की गई है.इसका खुलासा एसआईटी की जांच में हुआ है.इसी साल अक्टूबर माह में योगी सरकार ने इन मदरसों की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम का गठन किया था अब एसआईटी की उसी टीम ने इसका खुलासा किया है।
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संदेह के घेरे में 80 मदरसे
बीते दो सालों से हो रही विदेशी फंडिंग के कारण यूपी के करीब 80 मदरसे अब संदेह के घेरे में आ गए हैं.इन मदरसों को पिछले दो सालों में कई देशों से दान के रुप में लगभग 100 करोड़ रुपये मिले थे.इस मामले पर एसआईटी उस मुख्य मदरसे की पहचान करने की कोशिश कर रही है जिसके तहत इन मदरसों द्वारा ये धनराशि खर्च की गई थी।
SIT कर रही मदरसों की जांच
सीएम द्वारा एसआईटी का नेतृत्व कर रहे एटीएस के अतिरिक्त महानिदेशक मोहित अग्रवाल ने बताया कि,यूपी में लगभग 24 हजार मदरसे हैं जिनमें से 16 हजार 500 से अधिक मदरसों को यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त है.उनका कहना है कि,टीम इसकी जांच करेगी कि,विदेशी फंडिंग से मिला पैसा किस रुप में खर्च किया गया है.बड़ा सवाल ये है,क्या पैसे का इस्तेमाल मदरसा संचालित करने या किसी अन्य गतिविधि के लिए किया जा रहा है।
8 हजार से अधिक मदरसे गैर मान्यता प्राप्त
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में मोहित अग्रवाल ने बताया कि,जांच पूरी करने के लिए राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई समय सीमा नहीं बताई गई है.एसआईटी इस मामले में बोर्ड से पंजीकृत मदरसों की डिटेल पहले मांग चुकी है.इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करने का निर्देश दिया था.2 महीने तक चले सर्वे के दौरान 8 हजार 449 ऐसे मदरसे पाए गए थे जो राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं थे।
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नेपाल सीमा से सटे इलाकों में बढ़ी मदरसों की संख्या
आपको यहां बता दें कि,यूपी में नेपाल सीमा से सटे जिलों लखीमपुर खीरी,पीलीभीत,श्रावस्ती,बहराइच और सिद्धार्थनगर के अलावा आस-पास के कई इलाकों में कुछ सालों से मदरसों की संख्या तेजी से बढ़ी है.इन इलाकों में करीब 1 हजार से ज्यादा मदरसे संचालित हो रहे हैं.इसके साथ ही इन मदरसों में विदेशी फंडिंग होने की भी जानकारी मिली थी इसके बाद ही सरकार द्वारा एसआईटी का गठन किया गया था.अल्पसंख्यक विभाग की जांच में भी इसका खुलासा हुआ है कि,यूपी में संचालित कई मदरसों में विदेशी फंडिंग हो रही थी।