Shyam Benegal Death: प्रसिद्ध फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) का आज निधन हो गया। 14 दिसंबर को ही उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और मुंबई के लीलावती अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। आज शाम करीब 7 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। श्याम बेनेगल पेरेलल सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में गिने जाते थे और उनकी फिल्मों में भारतीय सिनेमा के कई बेहतरीन कलाकारों ने अभिनय किया था।
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श्याम बेनेगल की सिनेमा में अमिट छाप

बताते चले कि, श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्मभूषण जैसे उच्च सम्मान प्राप्त हुए थे। उनकी फिल्मों ने न सिर्फ भारतीय सिनेमा को नया रूप दिया, बल्कि उन्होंने दर्शकों को गहरे सामाजिक और मानवीय मुद्दों से परिचित कराया। श्याम बेनेगल की कुछ प्रमुख फिल्मों में ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘जुबैदा’, ‘वेलकम टू सज्जनपुर’ और ‘भूमिका’ शामिल हैं।
बेनेगल की फिल्मों से मशहूर हुए कलाकार

श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) की फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को कई महान कलाकार दिए। नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, अमरीश पुरी, अनंत नाग, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल जैसे कलाकारों ने उनकी फिल्मों में शानदार अभिनय किया। श्याम बेनेगल का निर्देशन इस कदर प्रभावशाली था कि कई कलाकारों के करियर को नई दिशा मिली। इसके अलावा, उन्होंने दूरदर्शन के लिए धारावाहिक ‘यात्रा’, ‘कथा सागर’ और ‘भारत एक खोज’ का भी निर्देशन किया, जो आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं।
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इंदिरा गांधी ने की थी श्याम बेनेगल की सराहना

इंदिरा गांधी ने श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) के बारे में कहा था कि उनकी फिल्में मनुष्यता को अपने मूल स्वरूप में तलाशती हैं। सत्यजीत रे के निधन के बाद, श्याम बेनेगल ने उनकी विरासत को संभाला और उसे समकालीन संदर्भ में प्रस्तुत किया। उनका योगदान भारतीय सिनेमा के इतिहास में अविस्मरणीय रहेगा।
श्याम बेनेगल का प्रारंभिक जीवन और फिल्मी सफर
श्याम बेनेगल का जन्म 1934 में हैदराबाद में हुआ था। उनके परिवार में फिल्मी माहौल था, जिसके कारण उनका फिल्मों से जुड़ाव बचपन से ही था। उन्होंने 12 साल की उम्र में पहली बार फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। श्याम बेनेगल ने 1959 में एक विज्ञापन एजेंसी से अपने करियर की शुरुआत की, और फिर 1962 में गुजराती डॉक्युमेंट्री ‘घर बैठा गंगा’ का निर्देशन किया।
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अंकुर से मिली पहचान

श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) को हिंदी सिनेमा में असली पहचान 1974 में आई उनकी फिल्म ‘अंकुर’ से मिली। इस फिल्म ने उन्हें सिनेमा जगत में एक नया मुकाम दिलाया और भारतीय सिनेमा के एक प्रमुख निर्देशक के रूप में उनकी पहचान बनाई। श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी फिल्मों ने हमेशा गहरी सामाजिक और राजनीतिक कहानियां प्रस्तुत की, जो आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित हैं।