Shubhanshu Shukla Return: भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में 18 दिन पूरे कर लिए हैं और आज 15 जुलाई को अपने चार एस्ट्रोनॉट के साथ सुरक्षित धरती पर लैंड करेंगे। बता दें कि इन सभी ने 25 जून को कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से फाल्कन-9 रॉकेट के द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी थी और 28 घंटे की यात्रा के बाद वहां पहुंचे थे।
एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ने 14 जुलाई की शाम 4 बजकर 45 मिनट पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी की ओर यात्रा शुरू की थी। करीब 23 घंटे की उड़ान के बाद भारतीय समय अनुसार आज दोपहर 3 बजे उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैलिफोर्निया के तट पर समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा। इसके तुरंत बाद, उन्हें समुद्र से सुरक्षित निकाला जाएगा।
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एक्सिओम-स्पेस और स्पेसX का संयुक्त मिशन

बता दें कि यह मिशन नासा और स्पेसएक्स के साथ एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित किया गया था। मिशन का नाम Axiom-4 (Ax-4) है। यह मिशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें चार देशों जिसमें भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एस्ट्रोनॉट्स शामिल रहे। इस पूरी यात्रा का लाइव प्रसारण दोपहर 2 बजे से एक्सिओम-स्पेस की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल पर किया जा रहा है।
अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय
शुभांशु का यह मिशन इसलिए भी खास और ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस में गया। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत स्पेस मिशन में भाग लिया था। शुभांशु शुक्ला के मिशन को भारत के भविष्य के लिए खास बताया जा रहा है। इसके बाद भारत कमर्शियल स्पेस स्टेशन की दिशा में कदम बढ़ाएगा और 2027 में मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन को सफलता पूर्वक लॉन्च करने में मदद भी मिलेगी।
अंतरिक्ष में 60 से ज्यादा प्रयोगों में लिया हिस्सा
आपको बता दें कि शुभांशु शुक्ल भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन कमांडर हैं और उन्हें 2000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव भी प्राप्त है। इस मिशन के दौरान उन्होंने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया, जिनमें भारत के सात प्रयोग शामिल थे। शुभांशु ने अंतरिक्ष में मेथी और मूंग के बीज उगाने का प्रयोग किया, हाल ही में जिसकी तस्वीरे भी सामने आई थी। इस मिशन का उद्देश्य न केवल तकनीकी परीक्षण था, बल्कि विज्ञान और खेती जैसे क्षेत्रों में भी नई संभावनाएं तलाशना था।

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