Share Market: भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 0.56 फीसदी यानी 424 अंकों की गिरावट के साथ 75,311 पर बंद हुआ। बाजार बंद होने के समय, सेंसेक्स के 30 में से 8 शेयर हरे निशान पर थे, जबकि 22 शेयर लाल निशान पर थे। इसका संकेत है कि बाजार में अस्थिरता और चिंता बनी रही।
निफ्टी में 117 अंकों की गिरावट

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी गिरावट के साथ बंद हुआ। निफ्टी 0.51 फीसदी यानी 117 अंकों की गिरावट के साथ 22,795 पर बंद हुआ। निफ्टी के 50 शेयरों में से 13 हरे निशान पर थे, जबकि 37 शेयर लाल निशान पर रहे। इसका अर्थ है कि अधिकांश प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई, जिससे निवेशकों के बीच नकारात्मक भावना फैली।
महिंद्रा एंड महिंद्रा और अडानी पोर्ट्स में सबसे अधिक गिरावट

निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे बड़ी गिरावट महिंद्रा एंड महिंद्रा में 6.20 फीसदी, अडानी पोर्ट्स में 2.67 फीसदी, बीपीसीएल में 2.67 फीसदी, टाटा मोटर्स में 2.52 फीसदी और अडानी एंटरप्राइजेज में 2.48 फीसदी दर्ज की गई। यह गिरावट इन कंपनियों के खराब प्रदर्शन को दर्शाती है, जिससे निवेशकों का विश्वास हिला है।
हिंडाल्को, टाटा स्टील और आयशर मोटर्स में रही मजबूती
वहीं, निफ्टी के कुछ शेयरों में तेजी भी देखने को मिली। सबसे अधिक तेजी हिंडाल्को में 2.09 फीसदी, टाटा स्टील में 1.85 फीसदी, आयशर मोटर्स में 1.63 फीसदी, लार्सन एंड टुब्रो में 1.21 फीसदी और एसबीआई लाइफ में 0.73 फीसदी रही। इन कंपनियों के शेयरों में वृद्धि से बाजार में हल्की सकारात्मकता देखी गई।
सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट

सेक्टोरल सूचकांकों की बात करें, तो निफ्टी ऑटो में 2.58 फीसदी, निफ्टी मिडस्मॉल आईटी एंड टेलीकॉम में 2.21 फीसदी, निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेज में 1.02 फीसदी, निफ्टी ऑयल एंड गैस में 1.05 फीसदी, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.41 फीसदी और निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स में 1.93 फीसदी की गिरावट आई। इसके अलावा, निफ्टी रियल्टी में 1.27 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक में 0.74 फीसदी, निफ्टी पीएसयू बैंक में 1.34 फीसदी, निफ्टी फार्मा में 1.92 फीसदी और निफ्टी मीडिया में 1.17 फीसदी की गिरावट रही। हालांकि, निफ्टी मेटल में 1.02 फीसदी की हल्की तेजी दर्ज की गई।
बाजार की अस्थिरता निवेशकों के लिए चुनौती
इस दिन की गिरावट से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। निवेशकों को आने वाले दिनों में सतर्क रहना होगा क्योंकि विभिन्न सेक्टरों और कंपनियों में विपरीत दिशा में परिवर्तन देखा जा रहा है। बाजार में बढ़ती अस्थिरता के कारण कई निवेशक अपनी स्थिति को लेकर चिंतित हो सकते हैं।