Share Market News:भारत ने एक बार फिर वैश्विक निवेशकों का भरोसा जीत लिया है। Bank of America (BofA) के ताज़ा फंड मैनेजर सर्वे के अनुसार, भारत अब एशिया का सबसे पसंदीदा शेयर बाजार बन चुका है, जिसने जापान को भी पीछे छोड़ दिया है। दिलचस्प बात यह है कि कुछ महीने पहले यानी फरवरी 2025 में भारत एशिया का दूसरा सबसे कम पसंद किया जाने वाला बाजार था। लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं।
फंड मैनेजर सर्वे के प्रमुख आंकड़े

सर्वे में भाग लेने वाले 42% फंड मैनेजर्स ने भारत को एशिया में निवेश के लिए सबसे उपयुक्त बाजार बताया है। जापान को 39% वोट मिले जबकि चीन और सिंगापुर को क्रमशः 6% और 3% निवेशकों ने प्राथमिकता दी। इस रिपोर्ट में स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि भारत वैश्विक सप्लाई चेन के पुनर्गठन (realignment) से सबसे अधिक लाभान्वित हो रहा है।
भारत क्यों बन रहा है निवेशकों की पहली पसंद?
- भारत की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे कई ठोस कारण हैं:
- राजनीतिक स्थिरता और नीति आधारित विकास रणनीति
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंजम्पशन पर केंद्रित भरोसेमंद थीम्स
- सतत आर्थिक विकास (Sustainable Economic Growth) का मजबूत अनुमान
- टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर और टेलीकॉम सेक्टर में निवेशकों की ओवरवेट पोजीशन
- ग्लोबल ट्रेड टेंशन के बीच भारत एक भरोसेमंद वैकल्पिक विकल्प के रूप में उभरा है
- इन सभी कारकों के कारण भारत विदेशी निवेशकों के लिए सुरक्षित और आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है।
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जापान और चीन की स्थिति

- जहाँ भारत का Nifty50 इंडेक्स 2025 में 4% की बढ़त में रहा है, वहीं जापान का Nikkei 225 इंडेक्स 4.4% की गिरावट झेल चुका है। यही कारण है कि जापान निवेशकों की पसंद में भारत से पिछड़ गया है।
- हालांकि चीन की स्थिति में कुछ सुधार देखा गया है। पहले सबसे कम पसंद किया गया मार्केट अब निवेशकों की नजर में तीसरे स्थान पर आ गया है। यह चीन के प्रति धीरे-धीरे बदलते रुझान का संकेत देता है।
सर्वे से जुड़े प्रमुख तथ्य

- सर्वे में 208 पैनलिस्ट्स ने भाग लिया, जिनके पास कुल $522 बिलियन की संपत्ति है।
- एशियाई सेक्शन में 109 पैनलिस्ट्स (जिनके पास $234 बिलियन AUM है) ने हिस्सा लिया।
- यह सर्वे 2 मई से 8 मई 2025 के बीच किया गया।
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भारत में एफआईआई फ्लो और रिटर्न में होगी मजबूती
भारत को अब एक स्थिर, भरोसेमंद और ग्रोथ-केंद्रित मार्केट के रूप में देखा जा रहा है। यदि मौजूदा रुझान जारी रहता है, तो आने वाले महीनों में भारत में एफआईआई (Foreign Institutional Investment) फ्लो और इक्विटी रिटर्न में और भी तेजी देखने को मिल सकती है।