Share market BSE Nifty crash:अमेरिका के शेयर बाजारों में आई तेज गिरावट (Stock Market) के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार भी बुरी तरह गिर गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के फैसले ने ग्लोबल मार्केट्स में बेचैनी फैला दी, जिसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा। निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है, और कुल मिलाकर भारतीय शेयर बाजार में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।
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अमेरिकी फेड की ब्याज दरों में कटौती का प्रभाव

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार रात 0.25 फीसदी की ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की, जो लगातार तीसरी बार हुआ है। इस फैसले से अमेरिकी बाजारों में और अधिक गिरावट देखने को मिली। साथ ही, फेड ने अगले साल 2025 में केवल दो और रेट कट की उम्मीद जताई, जिससे निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। इस फैसले के कारण दुनियाभर में भारी बिकवाली देखने को मिली और इसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।
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भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट

गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट आई। सेंसेक्स 900 अंकों से अधिक गिरकर 79,172 अंक पर पहुंच गया, वहीं निफ्टी भी 321 अंक टूटकर 23,907 पर कारोबार कर रहा था। इंट्रा-डे में सेंसेक्स 1162 अंक और निफ्टी 328 अंक तक गिर चुका था। इस गिरावट के कारण बीएसई और एनएसई पर ट्रेड करने वाले अधिकांश शेयरों में 2 फीसदी तक की गिरावट आई, हालांकि एफएमसीजी सेक्टर का निफ्टी इंडेक्स फ्लैट रहा।
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निवेशकों की संपत्ति में भारी कमी

बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 5.93 लाख करोड़ रुपये घट गया, जिससे निवेशकों की संपत्ति में भारी कमी आई। एक दिन पहले यानी बुधवार को बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 4,52,60,266.79 करोड़ रुपये था, जो गुरुवार को घटकर 4,46,66,491.27 करोड़ रुपये हो गया। इसका मतलब है कि निवेशकों की पूंजी में 5.93 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।
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ग्लोबल बिकवाली का असर भारतीय बाजार पर

अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद पूरी दुनिया में शेयर बाजारों में बेचैनी बढ़ी है। भारतीय बाजार में भी इसका स्पष्ट प्रभाव देखा गया, क्योंकि वैश्विक बाजारों में गिरावट के कारण यहां भी बिकवाली का दबाव बढ़ गया। सभी प्रमुख सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिली, हालांकि एफएमसीजी सेक्टर कुछ हद तक स्थिर रहा।