Share Market Crash Today: भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार को अच्छी बढ़त के साथ खुले। यह उछाल मुख्य रूप से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बनी सकारात्मकता से आया। दोनों देशों ने इस वर्ष के अंत तक पहले चरण का व्यापार समझौता पूरा करने और 2030 तक सालाना 500 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य तय किया है। अमेरिकी बाजारों में भी तेजी का माहौल था, जिसने घरेलू शेयर बाजार को और भी उत्साहित किया। हालांकि, शुरुआती बढ़त के बाद भारतीय बाजार में गिरावट देखी गई।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 344.09 अंकों की बढ़त के साथ 76,483.06 पर पहुंच गया था। वहीं, एनएसई निफ्टी 102.3 अंकों की तेजी के साथ 23,133.70 पर था। लेकिन, कुछ समय बाद दोनों सूचकांकों में गिरावट आई। दोपहर 11:15 बजे तक सेंसेक्स 0.55 प्रतिशत गिरकर 75,722.60 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,881.65 पर कारोबार कर रहा था।
एशियाई और अमेरिकी बाजारों का प्रदर्शन
एशियाई बाजारों में सियोल, शंघाई और हांगकांग में बढ़त रही, जबकि टोक्यो में गिरावट देखी गई। वहीं, अमेरिकी बाजार भी गुरुवार को मजबूती के साथ बंद हुए, जिससे भारतीय बाजार में कुछ सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते का महत्व

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर इस साल के अंत तक पहले चरण को पूरा करने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही, दोनों देशों ने 2030 तक 500 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य तय किया है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि वह भारत को पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariffs) से छूट नहीं देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की बैठक में व्यापार और शुल्क से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई, और ट्रंप ने अमेरिकी व्यापारिक भागीदारों के लिए एक नई शुल्क नीति की घोषणा की।
विश्लेषकों की राय
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा, “मोदी-ट्रंप वार्ता के शुरुआती संकेत बाजार के लिए सकारात्मक हैं। भारत की ओर से अमेरिका से अधिक तेल और गैस खरीदने की प्रतिबद्धता, व्यापार घाटे को कम करने में मदद कर सकती है। हालांकि, ट्रंप का पारस्परिक शुल्क पर नरम रुख अपनाना मुश्किल लगता है, लेकिन दोनों नेताओं के बीच अच्छे संबंध भारत के लिए सकारात्मक संकेत हैं।”
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने गुरुवार को 2,789.91 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। विजयकुमार ने आगे कहा कि “अत्यधिक बिकवाली के बाद बाजार में अल्पकालिक सुधार हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक तेजी की संभावना कम है, क्योंकि FIIs अभी भी बिकवाली के मूड में हैं। FIIs तब ही भारतीय बाजार में निवेश करेंगे जब डॉलर और अमेरिकी बॉंड यील्ड में गिरावट आएगी।”
ब्रेंट क्रूड की कीमत में वृद्धि

ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.23 प्रतिशत बढ़कर 75.19 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। इस बीच, गुरुवार को सेंसेक्स 32.11 अंकों (0.04%) की गिरावट के साथ 76,138.97 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 13.85 अंकों (0.06%) की गिरावट के साथ 23,031.40 पर बंद हुआ था।
कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाजार ने सकारात्मक शुरुआत की, लेकिन विभिन्न आर्थिक और बाजार के संकेतों ने उसकी बढ़त को बनाए रखने में मुश्किलें खड़ी की। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की खबरें सकारात्मक थीं, लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और क्रूड कीमतों में उतार-चढ़ाव ने बाजार को प्रभावित किया। आने वाले दिनों में विदेशी निवेश और वैश्विक बाजारों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए भारतीय बाजार में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
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