यमुनोत्री धाम मार्ग के लिए धारा 144 लागू,भारी भीड़ को लेकर प्रशासन ने उठाए सख्त कदम

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Yamunotri Dham: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर जिला प्रशासन ने भारी भीड़ को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी है. तीर्थयात्रियों की सुचारू, सुरक्षित और शांतिपूर्ण आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किया है. पारित आदेश के अनुसार, जानकी चट्टी से यमुनोत्री और यमुनोत्री से जानकी चट्टी तक जाने वाले घोड़ों और खच्चरों की अधिकतम संख्या 800 निर्धारित की गई है. इस मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों की आवाजाही का समय सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है.

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5 घण्टे में दर्शन कर लौटना होगा

बताते चले कि उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने यमुनोत्री में उमड़ रही भीड़ को काबू करने के लिये यह फैसला लिया है. नई व्यवस्था के तहत जानकचट्टी से यमुनोत्री धाम तक 5 घण्टे में दर्शन कर लौटना होगा. दरअसल, जब से चारधाम यात्रा शुरू हुई है,तभी से बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. भारी भीड़ के कारण जाम के ऐसे हालात हो गए है कि सारी व्यवस्थाऐं चरमरा गई हैं. जानकारी के मुताबिक बड़कोट के डिप्टी कलेक्टर और एसपी समेत अन्य अधिकारियों ने भीड़ को डीएम को रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें यमुनोत्री पैदल मार्ग के संकरे होने के कारण यात्रियों की जान को खतरा बताया गया था.

घोड़े-खच्चरों की संख्या 800 तय की गई

आपको बता दे कि, यमुनोत्री पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की संख्या 800 तय की गई है. उनके आने-जाने का समय सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक तय किया गया है. इसके साथ ही प्रत्येक घोड़े-खच्चर के यात्री को यमुनोत्री से लेकर जाने और दर्शन के बाद उसके वापस लौटने की समय सीमा 5 घंटे की तय की गई है. आदेश में स्पष्ट है कि पांच घंटे से ज्यादा कोई भी घोड़ा-खच्चर यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा. यमुनोत्री धाम पहुंचने पर यात्री को 60 मिनट के भीतर यमुनोत्री के दर्शन कराने का आदेश दिया गया है. इस नियम के तहत मन्दिर समिति से लेकर सभी विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है.

अब तक 21 यात्रियों की मौत

इस साल उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी. इसके बाद तीर्थ यात्रियों का भारी हुजूम उमड़ने लगा. यहां 11 दिनों में 21 यात्रियों की मौत हो चुकी है. बदरीनाथ धाम में अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में 14 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से ज्यादातर यात्रियों की मौत का कारण डॉक्टरों ने हार्ट अटैक बताया है.

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