चुनावी बॉन्ड पर SC का बड़ा फैसला,इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर लगाई पूरी तरह से रोक

Mona Jha
By Mona Jha

Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना बड़ा फैसला सुनाया है.सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को अवैध बताते हुए नए बॉन्ड की खरीद पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने एकमत फैसला देते हुए कहा कि,स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 12 अप्रैल 2019 से जानकारी सार्वजानिक करनी होगी.बैंक ये जानकारी चुनाव आयोग को देगी और चुनाव आयोग इस जानकारी को शेयर करेगी।

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SC में कुल 4 याचिकाएं दाखिल की गई थीं

सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बांड की वैधता पर सवाल उठाते हुए कुल चार याचिकाएं दाखिल की गई थीं.कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में इस पर सुनवाई की थी और नवंबर में फैसला सुरक्षित रख लिया था.गुरुवार को चुनावी बॉन्ड स्कीम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ ने कहा, बेंच का फैसला एकमत है.हालांकि,इस मामले में दो फैसले हैं लेकिन निष्कर्ष एक है।

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‘6 मार्च तक SBI चुनाव आयोग को दे जानकारी’

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनात हुए कुछ बड़ी बातें कही हैं उनमें सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि,चुनावी बॉन्ड स्कीम आरटीआई का उल्लंघन है,चुनावी बॉन्ड स्कीम असंवैधानिक है,कंपनी एक्ट में हुआ बदलाव अंसवैधानिक है,जनप्रतिनिधित्व कानून में 2017 में हुआ बदलाव भी अंसवैधानिक है,इनकम टैक्स एक्ट में 2017 में किया गया बदलाव असंवैधानिक है,एसबीआई सभी पार्टियों को मिले चंदे की जानकारी 6 मार्च तक चुनाव आयोग को दे और चुनाव आयोग ये जानकारी 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करे।

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2018 मे चुनावी बॉन्ड योजना की हुई थी शुरुआत

आपको बता दें कि,केंद्र सरकार ने 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत की थी.इसे राजनीतिक दलों को मिलने वाली फंडिंग में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत पेश किया गया था.इसे राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में देखा गया था।चुनावी बॉन्ड स्टेट बैंक की 29 शाखाओं में मिलता था,इसके जरिए कोई भी नागरिक,कंपनी या संस्था किसी पार्टी को चंदा दे सकती थी.ये बॉन्ड एक हजार,दस हजार,एक लाख और एक करोड़ रुपये तक के हो सकते थे।

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5 सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनाया फैसला

वहीं इस मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने किया है.इसमंक सीजेआई के साथ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं। संविधान पीठ ने 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से दी गई दलीलों को सुना और 3 दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 2 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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