MEA: मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू करेंगे भारत का दौरा तो पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Maldivian President Muizzu , jaishankar

SCO Summit: इस बीच, मालदीव (Maldives) के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू (President Mohamed Muizzo) का भी तीन दिवसीय भारत दौरा प्रस्तावित है। मुइज़ू 7 से 10 अक्टूबर 2024 तक भारत की राजकीय यात्रा पर आएंगे। यह उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। राष्ट्रपति मुइज़ू ने इससे पहले जून 2024 में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की थी। इस दौरान मुइज़ू बेंगलुरु और मुंबई भी जाएंगे, जहां उनके व्यापारिक कार्यक्रम प्रस्तावित हैं।

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एससीओ शिखर सम्मेलन में शीर्ष नेताओं की होगी बैठक

एससीओ (SCO Summit) के इस शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष नेता भी भाग लेंगे। यह संगठन मध्य एशिया में शांति और सहयोग बनाए रखने के उद्देश्य से गठित किया गया है, और इसका कूटनीतिक महत्व निरंतर बढ़ता जा रहा है। हालांकि, रणधीर जयसवाल ने यह भी संकेत दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निमंत्रण कोई राजनीतिक चाल नहीं है, बल्कि एक सामान्य प्रक्रिया है।

एससीओ में भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर चर्चा

जयशंकर का पाकिस्तान दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी उच्च-स्तरीय बैठक का आयोजन नहीं हुआ है। इससे पहले, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान गए थे और वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उसी वर्ष, तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी पाकिस्तान का दौरा किया था। अब, जब जयशंकर पाकिस्तान का दौरा करने जा रहे हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच किसी प्रकार की द्विपक्षीय बातचीत का अवसर बनेगा या नहीं।

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पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S Jaishankar) शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) का दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल (Randhir Jaiswal) ने इस बात की पुष्टि की है कि जयशंकर 15-16 अक्टूबर को होने वाली इस बैठक में भारत (India) का प्रतिनिधित्व करेंगे। पाकिस्तान इस बार एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी (Pakistan is hosting the SCO) कर रहा है, और जयसवाल ने यह स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) और अन्य सदस्य देशों को निमंत्रण देना केवल एक प्रोटोकॉल है, जिसे हर मेजबान देश निभाता है।

पश्चिम एशिया संकट पर भारत की चिंता

पश्चिम एशिया में बढ़ते संकट के बीच, भारत ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान जारी कर सभी पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हिंसा और तनाव के बढ़ते हालात भारत के लिए चिंता का विषय हैं और यह महत्वपूर्ण है कि इस संघर्ष के क्षेत्रीय आयाम और न बढ़ें।

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विदेश मंत्रालय का बयान

जाकिर नाइक से जुड़े एक सवाल पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट्स देखी हैं, जिनमें नाइक को पाकिस्तान में लाने और उसका स्वागत करने की खबरें हैं। विदेश मंत्रालय ने इसे निराशाजनक और निंदनीय करार दिया, लेकिन इसे आश्चर्यजनक नहीं बताया। जाकिर नाइक भारत का भगोड़ा है, और उसके पाकिस्तान में उच्च-स्तरीय स्वागत पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।

एससीओ का महत्व

यह एससीओ सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंध तनावपूर्ण हैं। हालांकि, एससीओ जैसे मंच पर दोनों देशों के प्रतिनिधि एक साथ बैठेंगे, यह वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण होगा। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का उद्देश्य (Importance of SCO) मध्य एशिया में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना है, और इसमें शामिल देशों के बीच आपसी सहयोग और समझ को प्रोत्साहित करना है। यह देखना बाकी है कि इस बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे तौर पर कोई बातचीत होती है या नहीं, लेकिन जयशंकर की यह यात्रा निश्चित रूप से वैश्विक राजनीति में अहम भूमिका निभाएगी।

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