नालंदा संवाददाता: विरेन्दर कुमार
Nalanda: मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के रहुई प्रखंड के उत्तरनामा पंचायत के प्राथमिक विद्यालय निजामबिगहा के बच्चे जान जोखिम में डालकर इन दिनों पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बता दें कि इस विद्यालय में वर्तमान में कुल नामांकित बच्चों की संख्या नब्बे है। विद्यालय में कुल कार्यरत शिक्षक पांच हैं जिसमें दो महिलाएं व तीन पुरुष शिक्षक हैं।विद्यालय के जर्जर भवन की स्थिति को देखकर शिक्षक से लेकर पढ़ाई करने वाले तमाम बच्चे हमेशा भयभीत रहते हैं कि किस पल कमरे की छत उनके ऊपर ना गिर जाए। कमरे की हालत देखने से यह प्रतीत होता है कि बरसात के दिनों में पानी टपकना आम बात है।
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रसोईघर की हालत जर्जर
दीवार में जहां-तहां दरारें भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं जो की एक बहुत बड़ी अनहोनी घटना होने की संकेत दे रही है। यहां बच्चों के पठन-पाठन का कार्य मात्र दो कमरे में चलता है जहां ना तो बिजली है और नहीं पंख लगे हैं। बता दें कि बीते कुछ महीने पहले दीवार की छत गिरने से पढ़ने वाले कई छात्र घायल भी हो गए थे। यहां के रसोईघर की हालत भी जर्जर है मानो खंडहर के रूप में तब्दील है। यहां पेयजल के लिए दो हैंड पंप लगे हैं जिसमें एक चालू स्थिति में है। यहां पानी की सुविधा के लिए नल जल योजना के तहत पाइप बिछाई तो गई लेकिन उसे काट कर हटा दिया गया।
विकास पदाधिकारी को आवेदन देकर अवगत कराया
प्रभारी प्रधानाध्यापक दीपक कुमार ने बताया कि विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति की समस्या को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी व प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देकर अवगत कराया, लेकिन अभी तक इस समस्या के निष्पादन हेतु कोई ठोस आदेश निर्गत नहीं की गई है। इस जटिल समस्या को लेकर विद्यालय के सहकर्मियों व पढ़ने वाले बच्चों में हमेशा डर का माहौल बना रहता है।
साथ ही उन्होंने बताया कि ग्रामीण भी आकर यहां पूर्व में बीती घटना को लेकर चेतावनी देते रहते हैं और अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से डरते हैं। शिक्षा विभाग के कनीय अभियंता मोहम्मद मुजाहिदीन ने बताया कि इस जर्जर विद्यालय के नए भवन बनाने को लेकर अनुमानित राशि का आकलन करते हुए सभी कागजी प्रक्रियाएं जल्द ही पूरी कर दी जाएगी। उसके बाद टेंडर निकाला जाएगा।
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