NOTA के पक्ष में ज्यादा वोट पड़ने पर दोबारा हो चुनाव की याचिका पर SC ने आयोग से मांगा जवाब

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Loksabha Election 2024: देश में चल रहे लोकसभा चुनाव 2024 के शोर के बीच राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तो इन दिनों देखा ही जा रहा है लेकिन इसके साथ ही वीवीपैट और ईवीएम से जुड़े सवालों पर भी देश की शीर्ष अदालत में बहस छिड़ी हुई है.सुप्रीमकोर्ट ने ईवीएम से हुई वोटिंग के बाद हर वीवीपैट का मिलान करने की सभी याचिका को आज खारिज कर दिया है लेकिन इस बीच वोटिंग से जुड़ी एक और याचिका ने सुप्रीमकोर्ट में दस्तक दी है जिसमें मांग की गई है कि,अगर प्रत्याशी के बजाए सबसे ज्याद वोट नोटा के लिए पड़े हैं तो उस सीट पर दोबारा चुनावा कराया जाए।

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नोटा के संबंध में SC में दायर याचिका

आपको बता दें कि,सुप्रीमकोर्ट में ये याचिका मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा की तरफ से दायर की गई है.याचिका में उन्होंने मांग की है कि,अगर नोटा को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो उस स्थिति में दोबारा चुनाव करवाने की व्यवस्था की जानी चाहिए.शिव खेड़ा ने ये भी मांग की है कि,अगर प्रत्याशी को नोटा से कम वोट मिलते हैं तो उसको 5 साल तक कोई भी चुनाव लड़ने पर रोक देना चाहिए.वो इसके बाद 5 साल तक कोई चुनाव न लड़ पाए ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।

शिव खेड़ा ने SC में दायर की याचिका

मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की है.जिसमें सुप्रीमकोर्ट ने किसी भी प्रत्याशी से ज्यादा वोट नोटा को मिलने पर दोबारा चुनाव की मांग पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।दरअसल,2013 में सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के बाद भारत में नोटा की व्यवस्था शुरु की गई थी.नोटा का अर्थ होता है नन ऑफ द अबव जिसके तहत किसी भी प्रत्याशी को अगर मतदाता पसंद नहीं करता है तो उसके सामने नोटा का विकल्प होता है जिस पर बटन दबाने के बाद उसका वोट किसी प्रत्याशी को नहीं जाता है और ऐसी स्थिति में अगले उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया जाता है।

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2013 से शुरु की गई थी नोटा व्यवस्था

सुप्रीमकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि,लोकसभा,विधानसभा और निकाय चुनाव समेत कई अन्य चुनावों में भी 2013 से नोटा लागू किया गया था तभी से अब तक दो बार मांग की जा चुकी है को नोटा को काल्पनिक कैंडिडेट घोषित किया जाए.याचिका में कहा गया कि,महाराष्ट्र,दिल्ली,हरियाणा और पुड्डुचेरी समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में नोटा को लेकर ये नियम लागू किया गया है.इन चारों जगहों पर ये नियम है अगर प्रत्याशी से ज्यादा वोट नोटा को मिलते हैं तो दोबारा चुनाव कराए जाएं।

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