Railway Board के नए अध्यक्ष बने सतीश कुमार, दलित समुदाय से पहली बार शीर्ष पद पर हुई किसी की नियुक्ति

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Satish Kumar

Railway News: भारतीय रेलवे में पहली बार किसी दलित अधिकारी को शीर्ष पद पर नियुक्ति मिली है। भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) के अधिकारी सतीश कुमार (Satish Kumar) को रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है। रेलवे बोर्ड की मौजूदा अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रही हैं, जिसके बाद सतीश कुमार नए कार्यभार को संभालेंगे। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। सतीश कुमार का उत्तर प्रदेश, विशेषकर लखनऊ और वाराणसी से गहरा संबंध रहा है। उन्होंने इन दोनों स्थानों पर विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं।

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उत्तर प्रदेश से सतीश कुमार का खास जुड़ाव

सतीश कुमार 1986 बैच के भारतीय रेल यांत्रिक अभियंता (आईआरएमई) हैं और 34 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। उनका उत्तर प्रदेश से गहरा जुड़ाव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मध्य रेलवे के झांसी मंडल से की थी। इसके बाद वे बनारस रेल कारखाना (बरेका) में उप मुख्य यांत्रिक अभियंता (योजना) के रूप में कार्यरत रहे। इसके अलावा, उन्होंने उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सतीश कुमार 2017 से 2019 तक लखनऊ में मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के पद पर रहे। इस दौरान उन्होंने रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए।

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रेलवे में उनके योगदान का सम्मान

सतीश कुमार का रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति का निर्णय, भारतीय रेलवे में उनके व्यापक अनुभव और अमूल्य योगदान को देखते हुए लिया गया है। इस साल 5 जनवरी को, उन्हें रेलवे बोर्ड में सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) नियुक्त किया गया था। यह पद पूरे रेलवे में ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक के अहम पहलुओं पर नजर रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। अब, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उन्हें रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के पद पर नियुक्त करने का फैसला किया है, जिससे यह साफ है कि उनके अनुभव और नेतृत्व को शीर्ष स्तर पर सराहा जा रहा है।

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लखनऊ और वाराणसी की परियोजनाओं को मिलेगी गति

सतीश कुमार के रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष बनने से उत्तर प्रदेश की रेलवे परियोजनाओं में तेजी आने की उम्मीद है। जानकारों का मानना है कि उनके नेतृत्व में लखनऊ और वाराणसी समेत राज्य की विभिन्न रेल परियोजनाओं को काफी गति मिलेगी। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज में भी महाप्रबंधक के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं।

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पहली बार शीर्ष पद पर दलित अधिकारी

सतीश कुमार की नियुक्ति एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी दलित अधिकारी को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया है। उनके पास भारतीय रेलवे के विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनके अनुभव और नेतृत्व में भारतीय रेलवे नई ऊंचाइयों को छू सकता है। उनके आने से लखनऊ और वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण शहरों में रेलवे के बुनियादी ढांचे को और मजबूत किया जाएगा। यह नियुक्ति न केवल रेलवे में, बल्कि देश में सामाजिक समावेशन के प्रतीक के रूप में भी देखी जा रही है। अब, सभी की निगाहें सतीश कुमार पर हैं, जो भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार हैं।

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