सप्तपर्णी में है कई बीमारियों के इलाज

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra

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Health: सप्तपर्णी के पौधे को आयुर्वेद में विशेष महत्व दिया गया है। भारत में हिमालय के क्षेत्रों और उसके आसपास के हिस्सों में यह पौधा ज्यादातर उगता है। पौधे की छाल ग्रे रंग की होती है। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं में काम आता है। इसकी छाल और फूल का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। यह सामान्य कद का पौधा देश में कई जगहों पर पाया जाता है। बता दें कि दुर्बलताको दूर करने से लेकर खुले घावोंको ठीक करने और नपुंसकता से पीलिया तक कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज में सप्तपर्णी को प्रभावी औषधि के रूप में माना जाता है।

दस्त

आयुर्वेद में दस्त के इलाज के लिए इसका चूर्ण बनाकर गर्म पानी के साथ सेवन किया जाता है। इसके अलावा इसका काढ़ा बनाकर पीने से भी दस्त में लाभ मिलता है।

चर्म रोग

चर्म रोगों जैसे दाद, खाज और खुजली को ठीक करने में ये मददगार मानी जाती है। इसके लिए इसकी छाल के चूर्ण का लेप और रस दोनों ही लगाना फायदेमंद हो सकता है।

जख्म को भरे

इसकी हीलिंग प्रॉपर्टीज किसी भी तरह के घाव को भर देती है। इसकी छाल का लेप बनाकर लाने से जख्म जल्दी भरता है।

बुखार

इसमें एंटीपायरेटिक गुण होते हैं। इसकी छाल के चूर्ण का सेवन करने से बुखार ठीक हो सकता है। ऐसे में इसके चूर्ण का काढ़ा बनाना एक बेहतर विकल्प होगा।

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