West Bengal News: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पश्चिम बंगाल में संदेशखाली विवाद पर राजनीति भी गरमायी हुई है अब ये मामला कोर्ट भी पहुंच चुका है. वकील आलोक अलख श्रीवास्तव ने संदेशखाली के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की थी. इस मामले पर कोर्ट से जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील अलख आलोक से कहा कि वो मामले को ईमेल करे दोपहर में देखते है कि क्या करना है. वहीं CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप ऐसे दवाब नहीं बना सकतै हैं.
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SC ने वकील पर नाराजगी जाहिर की

इस मामले पर वकील ने कहा कि मामला बहुत आवश्यक है लिहाजा मामले में तत्काल सुनवाई की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट नियमों के तहत काम करेगा आपके प्रेशर डालने से हम कोई आदेश जारी नही करेंगें. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर मामले की जांच SIT या सीबीआई से करवाने मांग की है. निष्पक्ष जांच के लिए पूरी जांच पश्चिम बंगाल से बाहर करवाने की मांग शामिल है.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मणिपुर के तर्ज पर 3 जजों की कमेटी बनाकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है. बता दे कि वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में पीड़ितों को मुआवजा देने के निर्देंश देने के साथ- साथ दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग भी की गई है.
छह सदस्य की एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन
वहीं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को छह सदस्य एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था. शुक्रवार को कमेटी संदेशखली भेजा गया था, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उन्हें रोक दिया गया था. धारा 144 का हवाला देकर इन सभी नेताओं को रोक दिया गया था. बता दे कि ये गठित कमेटी के सभी नेता महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटना की जांच के लिए जा रहे थे.
क्या बोली प्रतिमा भौमिक?
संदेशखाली का दौरा करने वाली गठित कमेटी की सदस्य और केंद्रीय मंत्री और प्रतिमा भौमिक का कहना है कि, “पश्चिम बंगाल में सब कुछ गलत हो रहा है. यहां महिलाओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जाता है, उससे हम शर्मिंदा हैं. पुलिस अपराधियों और गुंडों को संरक्षण दे रही है. हम चाहते हैं कि संदेशखाली जाएं और पीड़ितों से मिलें, लेकिन पुलिस का कहना है कि उन्हें ऊपर से आदेश है कि हमें न जाने दें.”
क्या बोली BJP विधायक अग्निमित्रा पॉल?

भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा, “…ये दिखाता है कि ममता बनर्जी और उनकी सरकार कितनी डरी हुई है। यहां केंद्रीय मंत्रियों को जाने नहीं दिया जा रहा है। धारा 144 लगी हुई है, हमने कहा हम केवल 5 लोग जाना चाहते हैं, फिर हमने कहा कि केवल 2 केंद्रीय मंत्री को जाने दिया जाए लेकिन जाने नहीं दिया जा रहा है। ममता बनर्जी जातनी हैं कि क्या हुआ है। हिंदु महिलाओं का रेप हुआ है, वे इसे दबाना चाहती हैं।”