Sambhal Neza Mela: संभल में हर साल सैय्यद सालार मसूद गाजी की याद में मेला लगता रहा है लेकिन प्रशासन ने इस बार इसकी इजाजत नहीं दी और सालों की परपंरा इसी के साथ टूट गई. संभल में आज एक बार फिर पुलिस का पहरा है.वजह है नेजा मेला…दरअसल संभल में सालार मसूद गाजी की याद में होने वाला नेजा मेला लगाने की इजाजत पुलिस ने नहीं दी.पुलिस ने लुटेरे के नाम पर मेले की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
किस कारण नहीं आयोजित हो रहा मेला ?

अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सोमनाथ मंदिर को लूटने वाले के नाम पर मेला आयोजित नहीं होने देंगे. आज नेजा मेले का दिन होने को लेकर संभल पुलिस हाई अलर्ट मोड पर है. यही वजह है कि संभल पुलिस ने एक दिन के अंदर सोमवार शाम को दूसरा बड़ा फ्लैग मार्च निकाला.यह मार्च संभल शहर के सभी संवेदनशील इलाकों और समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के इलाके में किया है.
चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात

ASP श्रीशचंद्र ने बताया कि मेला स्थान और आसपास किसी भी जगह पर कोई भी आयोजन नहीं किया जा रहा है.लोगों की माने तो इस मेले का आयोजन एक लुटेरे, आक्रांता और हत्यारे की याद में किया जाता है. उन्होंने कहा कि आज इस दरगाह पर कोई नहीं आया है. सभी लोग इस बात को समझ चुके हैं कि आक्रांता की याद में आयोजित होने वाले किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए.सभी जगह पूरी तरह शांति है और चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात है.सीएम योगी ने भी साफ संदेश दिया था कि आक्रांताओं के महिमामंडन की इजाजत नहीं दी जाएगी.
‘नेजा मेला’ को लेकर विभिन्न स्थानों पर विरोध

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में होने वाला ‘नेजा मेला’ इस बार रद्द कर दिया गया है। यह मेला सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर आयोजित किया जाता था, लेकिन इस बार स्थानीय पुलिस प्रशासन ने इसे आयोजित करने की अनुमति नहीं दी है। संभल जिले के एसएसपी श्रीशचंद्र ने मेला कमेटी से कहा, “भारत में लूटमार और कत्लेआम मचाने वाले विदेशी आक्रांता के नाम पर किसी भी प्रकार का मेला नहीं होने दिया जाएगा।” इस निर्णय के बाद ‘नेजा मेला’ को लेकर विभिन्न स्थानों पर विरोध देखने को मिल रहा है। सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह (मकबरा) बहराइच में स्थित है और अब संभल के अलावा बहराइच और मुरादाबाद में भी इस मेले पर रोक लगाने की मांग उठाई जा रही है।
महमूद गजनवी के भांजे और सैन्य कमांडर की कहानी

सैयद सालार मसूद गाजी, महमूद गजनवी के भांजे और एक प्रमुख सैन्य कमांडर के रूप में जाने जाते हैं। महमूद गजनवी, जो भारतीय उपमहाद्वीप में आक्रमण करने के लिए कुख्यात थे, ने 1000 से 1027 तक भारत में 17 बार आक्रमण किए थे। यह माना जाता है कि महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर समेत कई प्रमुख हिंदू मंदिरों पर हमला किया था।
सैयद सालार मसूद गाजी (10 फरवरी 1014 – 15 जून 1034), जिन्हें गाजी मियां के नाम से भी जाना जाता है, एक धार्मिक व्यक्तित्व भी माने जाते हैं। सैयद सालार मसूद के बारे में अधिक जानकारी “मीरात-ए-मसूदी” नामक पुस्तक से मिलती है, जिसे अब्दुर्रहमान चिश्ती ने 1620 के दशक में लिखा था। इस पुस्तक में उन्हें गजनवी साम्राज्य के सम्राट महमूद गजनवी का भतीजा बताया गया है, और कहा गया है कि उन्होंने गजनवी साम्राज्य के लिए भारत में कई सैन्य अभियानों में भाग लिया। हालांकि, गजनवी के इतिहासकारों ने उनके बारे में कोई उल्लेख नहीं किया है और यह किताब मुख्य रूप से एक हजियाग्रंथ (संतों के जीवन पर आधारित) है, जिस पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से संदेह किया जाता है।
नेजा मेले पर लगी रोक को लेकर विरोध देखने को मिल रहा है लेकिन इसको लेकर पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रही है.
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