Russia China Naval Drill: रूस ने जापान सागर में पनडुब्बी रोधी अभ्यास शुरू कर दिया है। चीन, जो एक मित्र देश है, ने भी ऐसा ही किया है। दोनों देशों की नौसेनाओं का यह संयुक्त अभ्यास अगले मंगलवार तक जारी रहेगा। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि उन्होंने “विशिष्ट स्थानों” पर परमाणु-सशस्त्र पनडुब्बियों की तैनाती का आदेश दिया है। रूस के साथ संघर्ष के संदर्भ में इस घोषणा को रूस के निकट कहीं अमेरिकी पनडुब्बियों की तैनाती माना जा रहा है। ऐसे में जापान सागर में रूसी और चीनी नौसेनाओं का अभ्यास महत्वपूर्ण है।
अमेरिका को एक संदेश
रूस और चीन का नौसैनिक अभ्यास पूर्व नियोजित था। इसका ट्रंप की घोषणा से कोई लेना-देना नहीं है। यह पहले ही तय हो चुका था कि यह अभ्यास 1 अगस्त से 5 अगस्त तक जापान सागर में आयोजित किया जाएगा। इसका व्यावहारिक भाग रविवार को शुरू हुआ। हालाँकि, ट्रंप की घोषणा के बाद, इस अभ्यास का महत्व और भू-राजनीतिक महत्व कई गुना बढ़ गया है। कई लोगों के अनुसार यह अभ्यास अमेरिका को एक संदेश भी देगा।
जापान सागर में नौसैनिक जहाज
रविवार को रूसी और चीनी नौसैनिक जहाजों ने जापान सागर में नौवहन किया। इस संयुक्त अभ्यास में एक विशाल रूसी पनडुब्बी विध्वंसक और कम से कम दो चीनी हमलावर युद्धपोत शामिल थे। इसके अलावा दोनों देशों की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां भी इस अभ्यास में शामिल हुईं। इनमें एक चीनी पनडुब्बी बचाव पोत भी शामिल था। इस संयुक्त अभ्यास को ‘मैरीटाइम इंटरेक्शन 2025’ नाम दिया गया है। इस अभ्यास में रूसी और चीनी नौसैनिक गोलाबारी, पनडुब्बी विध्वंसक गतिविधियों और वायु रक्षा गतिविधियों का अभ्यास करेंगे। इसके अलावा समुद्र में खोज और बचाव कार्यों को बेहतर बनाने के लिए संयुक्त अभ्यास भी किए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि रूस और चीन का यह अभ्यास आक्रामक नहीं, बल्कि पूरी तरह से रक्षात्मक है।
दो सबसे बड़ी शक्तियों के बीच टकराव
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी विश्वासपात्र दिमित्री मेदवेदेव की “भड़काऊ” टिप्पणियों के बाद, ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने समुद्र में विशिष्ट स्थानों पर दो परमाणु-सशस्त्र पनडुब्बियों की तैनाती का आदेश दिया है। हालाँकि इसके बाद क्रेमलिन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया लेकिन रूसी संसद ड्यूमा के सदस्य विक्टर वोडोलात्स्की ने कहा कि दुनिया के विभिन्न महासागरों में रूस की पनडुब्बियाँ अमेरिका से ज़्यादा तैनात हैं। दुनिया की दो सबसे बड़ी शक्तियों के बीच इस टकराव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में नई चिंताएं पैदा कर दी हैं।
रूस के साथ यूक्रेन का युद्ध 2022 से चल रहा है। हालांकि अमेरिका समेत पश्चिमी जगत ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन चीन शुरू से ही मास्को के पक्ष में रहा है। इसके विपरीत दोनों देशों के बीच नज़दीकियां बढ़ी हैं। दोनों देशों के बीच अक्सर संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किए जाते हैं।