Budget 2024: आज संसद में बजट (Budget) को लेकर भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्ष ने बजट के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया और लोकसभा और राज्यसभा दोनों में नारेबाजी की। हंगामे के बाद विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट भी कर लिया। सदन के बाहर भी विपक्ष ने प्रदर्शन जारी रखा। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान भी भारी हंगामा हुआ, जिससे संसद का कार्य ठप हो गया। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने किसान नेताओं को संसद में अपने कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया था। मगर मामला तब बिगड़ गया, जब किसानों को संसद के अंदर नहीं आने दिया।
विपक्ष का आरोप: “गठबंधन बचाने के लिए लाया गया बजट”
विपक्ष का कहना है कि बजट केवल गठबंधन को बचाने के लिए लाया गया है और गैर-बीजेपी शासित राज्यों को इसमें कोई राहत नहीं दी गई है। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बजट में केवल कुछ राज्यों को ही विशेष लाभ दिया है, जबकि अन्य राज्यों की जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है।
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किसान नेताओं को संसद में प्रवेश से रोका गया
संसद के बाहर भी आज जोरदार शोर-शराबा देखा गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने किसान नेताओं को संसद में अपने कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन उन्हें संसद के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इस घटना ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा, “हमने किसान नेताओं को यहां बुलाया था, लेकिन उन्हें संसद में प्रवेश नहीं करने दिया गया क्योंकि वे किसान हैं।”
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किसान नेताओं से मुलाकात
हालांकि, विरोध और हंगामे के बाद किसान नेताओं के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस के कई प्रमुख नेता भी मौजूद थे, जिनमें केसी वेणुगोपाल, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला, धर्मवीर गांधी, डॉ अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जय प्रकाश शामिल थे।
किसान संगठनों की मांगें
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनकी मुख्य मांगें हैं:
- MSP गारंटी को कानूनी रूप देना
- ऋण माफी
- फसल बीमा
- किसानों और खेतिहर मजदूरों की पेंशन
- बिजली के निजीकरण को वापस लेना
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आगामी विरोध प्रदर्शन
किसान संगठनों ने 15 अगस्त को देशभर में ट्रैक्टर रैली निकालने और नए क्रिमिनल बिल की कॉपियां जलाने की भी घोषणा की है। इसके अलावा, किसान संगठनों ने “दिल्ली चलो” मार्च के 200 दिन पूरे होने पर 31 अगस्त को एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। प्राप्त जानकारी अनुसार, किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी के सामने प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने की मांग की है। किसानों ने कहा कि उनके आंदोलन को और मजबूती से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
बजट को लेकर संसद में मचा हंगामा और किसान नेताओं को प्रवेश न देने की घटना ने राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया है। विपक्ष के आरोपों और किसानों की मांगों को लेकर सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा ताकि देश में शांति और संतुलन बना रहे। यह देखना होगा कि सरकार किस प्रकार से इन मुद्दों का समाधान करती है और देश की जनता को राहत प्रदान करती है।
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